कैबिनेट के फैसले पर बोले PM मोदी- मजदूरों और श्रमिकों के जीवन में आएगा सकात्मक बदलाव
By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 01, 2020
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आज किये गए फैसले अन्नदाताओं, मजदूरों और श्रमिकों के जीवन में बड़े सकारात्मक बदलाव लायेंगे और रोजगार के अवसर सृजित करेंगे। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘सरकार के इन निर्णयों से किसानों, रेहड़ी-पटरी वालों और एमएसएमई को जबरदस्त लाभ पहुंचने वाला है। ’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने कार्यकाल के दूसरे वर्ष की पहली मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘आज मंत्रिमंडल ने कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसले लिए। आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने के लिए हमने न केवल एमएसएमई सेक्टर की परिबदली है, बल्कि इसमें नई जान फूंकने के लिए कई प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है। इससे संकटग्रस्त छोटे और मध्यम उद्योगों को लाभ मिलेगा, साथ ही रोजगार के अपार अवसर सृजित होंगे।’’
मोदी ने कहा कि देश में पहली बार सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले पर सामान बेचने वालों के रोजगार के लिए लोन की व्यवस्था की है। ‘पीएम स्वनिधि’ योजना से 50 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे ये लोग कोरोना संकट के समय अपने कारोबार को नए सिरे से खड़ा कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जय किसान के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्नदाताओं के हक में बड़े फैसले किए हैं। इनमें खरीफ की 14 फसलों के लिए लागत का कम से कम डेढ़ गुना एमएसपी देना सुनिश्चित किया गया है। साथ ही 3 लाख रुपये तक के शॉर्ट टर्म लोन चुकाने की अवधि भी बढ़ा दी गई है। वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र निर्माण में एमएसएमई की भूमिका को शीघ्र पहचाना। इसलिए एमएसएमई क्षेत्र को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई घोषणाओं का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया गया।
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इसमें कहा गया है कि इस पैकेज के तहत एमएसएमई क्षेत्र के लिए न केवल पर्याप्त आवंटन किया गया है, बल्कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के उपायों के कार्यान्वयन में भी प्राथमिकता दी गई है। कई प्रमुख घोषणाओं से संबंधित कार्यान्वयन पहले ही शुरू किए जा चुके हैं। बयान के अनुसार, यह भारत में पहली बार हुआ है कि शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों के आस-पास सड़क पर माल बेचने वाले विक्रेता शहरी आजीविका कार्यक्रम के लाभार्थी बन गए हैं। वेंडर 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ उठा सकते हैं जिसे वे एक वर्ष में मासिक किस्तों में चुका सकते हैं। इसमें कहा गया है किकिसानों के कल्याण के लिए व्यापक सुधारों की घोषणा की गई है। ऐसी कई बेड़ियों को तोड़ा गया जिससे किसान बंधा हुआ था ताकि वह अपनी आमदनी में भी व्यापक इज़ाफ़ा कर सके।इसके साथ ही कृषि अवसंरचना में निवेश के कई उपाय प्रस्तावित किए गए। मत्स्यपालन जैसी सहायक कृषि गतिविधियों को भी वित्तीय पैकेज में शामिल किया गया।