By अंकित सिंह | Jun 04, 2024
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट 1.5 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीती है, जो 2019 से भारी गिरावट है। मोदी को 6,12,970 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी, कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय को 4,60,457 वोट मिले। मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। लेकिन इस बार उनके जीत के अंतर में खासी गिरावट आयी है। उन्होंने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की शालिनी यादव को चार लाख 79 हजार 505 मतों से हराया था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल को तीन लाख 71 हजार 784 मतों से पराजित किया था।
वहीं, पिछले लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में चिर प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन करके बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 10 सीट जीती थी, लेकिन इस बार मायावती की अगुवाई वाली पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली है, जिससे राज्य में दलितों की आवाज का प्रतिनिधित्व करने की इसकी प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा है। बसपा ने जिस तरह से उम्मीदवारों का चयन किया था, उससे विपक्षी समूह की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिश झलकती थी, लेकिन समाजवादी पार्टी का राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरना और उसके साथ साझेदारी में कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन दर्शाता है कि मायावती का चुनावी आकर्षण खत्म हो गया है।
कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि उत्तर प्रदेश में कई लोकसभा क्षेत्रों में जिला अधिकारियों पर परिणाम बदलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश के महाराजगंज, बांसगांव, मेरठ, मुज़फ़्फ़रनगर सीटों पर ज़िला अधिकारियों को फ़ोन करके सीटें जिताने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासनिक अधिकारी याद रखें कि सरकार बदल रही है और लोकतंत्र के साथ यह खिलवाड़ स्वीकार नहीं किया जाएगा।