By अंकित सिंह | Nov 01, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो सीओपी-26 सम्मेलन को आज संबोधित किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेरिस घोषणापत्र की प्रतिबद्धताओं को अक्षरश:’ पूरा कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। मोदी ने कहा कि अबतक जलवायु वित्तपोषण के सभी वादे खाली ही रहे हैं, इसलिए विकसित देश को यथा शीघ्र एक खरब डॉलर के जलवायु वित्त पोषण सुनिश्चित करना चाहिए।
भारत सहित अधिकतर विकासशील देशों के लिए जलवायु एक बड़ी चुनौती:मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत सहित अधिकतर विकासशील देशों के लिए जलवायु को एक बड़ी चुनौती करार देते हुए कहा कि इस विषय को लेकर वैश्विक चर्चाओं में अनुकूलन को उतना महत्व नहीं दिया गया जितना उसके प्रभावों को कम करने को दिया गया। उन्होंने इसे जलवायु परिवर्तन से अधिक प्रभावित विकासशील देशों के साथ ‘‘अन्याय’’ करार दिया। अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन ‘सीओपी-26’ के एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने अनुकूलन को विकास नीतियों और परियोजनाओं का मुख्य अंग बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक जलवायु चर्चा में अनुकूलन को उतना महत्व नहीं मिला है, जितना उसके प्रभावों को कम करने को। यह उन विकासशील देशों के साथ अन्याय है, जो जलवायु परिवर्तन से अधिक प्रभावित हैं।’’