अपराधी के लिए पुलिस चुनौती, कानून मानने वालों की दोस्त, जानें कब किया जाता है बल प्रयोग

By अभिनय आकाश | Feb 27, 2024

अंग्रेजों के जाने के बाद जब एक नए भारत की कल्पना की गई तो उसमें राज्य की विराट शक्तियों को तीन हिस्सों में बांटा गया। विधायिका जो कानून बनाती है। कार्यपालिका जो कानून पर अमल करती है और न्यायपालिका जो न्याय करती है। संविधान निर्माताओं ने पूरी दुनिया के सबसे अच्छी राज्य व्यवस्थाओं का अध्ययन किया। इसके बाद संविधान में लिखा कि राज्य के ये तीनों अंग बराबर हैं। सभी को अपना काम करना है। जब से समाज और सामाजिक व्यवस्था की शुरुआत हुई तभी से उसके सुचारू और शांतिपूर्ण संचालन के लिए एक जिम्मेदार प्रशासन की जरूरत महसूस हुई। इसी के मद्देनजर पुलिस व्यवस्था की शुरुआत भी हुई। देश में पुलिस बल की बेहतर कानून व्यवस्था, अच्छे समाज के निर्माण के लिए माहौल बनाने में अहम भूमिका है। पुलिस बल के जवान विषम परिस्थितियों में अपने काम को अंजाम देते हुए डटे हुए है। देश में सार्वजनकि व्यवस्था के रख रखाव करने के साथ ही अपराधों पर रोक थाम और कानून व्यवस्था के पालन की जिम्मेदारी पुलिस बल के पास है। भारत में हर राज्य का अपना पुलिस बल है। संविधान के अनुच्छेद 246 और सातवीं अनुसूचि में पुलिस को राज्य सूची में रखा गया है। हालांकि केंद्रीय पुलिस बल या अर्धसैनिक बल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए पुलिसकर्मियों के शहीद होने के कई उहादरण इतिहास में मौजूं हैं। बच्चे से लेकर बूढ़े तक कोई ऐसा नहीं होगा जिसने पुलिस शब्द न सुना हो। हम सभी पुलिस के नाम और काम से अच्छी तरह वाकिफ हैं। ऐसे में हमने पुलिस की चुनौतियां और केस सॉल्व करने के तरीकों पर पूर्व आईपीएस अधिकारी उदय सहाय से बात की है। पेश है बातचीत के कुछ अंश: 

प्रश्न: किसान आंदोलन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का दावा किसानों की तरफ से किया जा रहा है। लेकिन क्या लाल किला पे जो हुआ था उसे शांतिपूर्ण माना जा सकता है? ऐसी परिस्थितियों में पुलिस के पास क्या विकल्प होते हैं? 

उत्तर: लॉ एंड ऑर्डर को संभालने के लिए जब फोर्स का इस्तेमाल होता है क्योंकि स्टेट के पास ही यह वैध रूप से फोर्स के इस्तेमाल का एकाधिकार है। इसमें मिनिमम तो मैक्सिमम प्रिंसिपल काम करता है। मिनिमम तो मैक्सिमम वह है जब आप टियर गैस से शुरू करते हैं। टियर गैस से परेशान होकर लोग इधर-उधर छिटककर कर भागने लगते हैं और वह किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाता है। अगला स्टेप लाठी चार्ज का है, जहां पर लाठी के माध्यम से बाल का प्रयोग होता है। लाठी चार्ज के आगे अब जाते हैं तो फिर फायरिंग की स्थिति आती है। एक तरफ टियर गैस, फिर लाठी चार्ज और फिर फायरिंग मैक्सिमम फोर्स है। यूज़ ऑफ फोर्स के यह तीन स्टेज है।

इसे भी पढ़ें: Police Options to stop Farmer Protest | प्रदर्शन जब उग्र रूप धारण कर ले तो पुलिस के पास क्या विकल्प? | No Filter

प्रश्न: जब बल प्रयोग की बात आती है तो पुलिस अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

उत्तर: सबसे बड़ी चुनौती है ना करें तो मरे और करें तो भी मरें। आप सही समय में सही फोर्स का इस्तेमाल नहीं करेंगे तो यह अनकंट्रोल्ड होकर विकराल रूप ले सकता है। करें तो मरें क्योंकि लॉ एंड ऑर्डर सिचुएशन में फोर्स का इस्तेमाल होता है। पुलिस एक्शन लेती है तो उसके बाद इंक्वारी और कमीशन आफ इंक्वारी में उन ऑफिसर्स को ग्रिल किया जाता है जैसे उन्होंने यूज ऑफ फोर्स करके कोई गुनाह कर दिया। पुलिस अधिकारी अपने गट्स, विजडम और जजमेंट पर ही निर्भर करता है।

प्रमुख खबरें

Vijay Hazare Trophy: रोहित और विराट के बल्ले ने उगला आग, अपनी-अपनी टीम के लिए लगाए शतक

पाकिस्तान के पंजाब में खानाबदोश समुदाय की उपेक्षा, UNHCR की चिंता बढ़ी

ICC Men T20I Rankings: तिलक वर्मा तीसरे स्थान पर पहुंचे, वरुण चक्रवर्ती का दबदबा बरकरार

सूडान में युद्ध पीड़ितों के लिए यूएई का हाथ, 2 मिलियन डॉलर की स्वास्थ्य मदद का ऐलान