Nehru Memorial के नामकरण पर राजनीतिक घमासान जारी, भाजपा बोली- एक परिवार के अलावा कांग्रेस को कुछ नहीं दिखता

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 17, 2023

केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड सोसाइटी कर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। बैठक में इस बात का फैसला लिया गया। इस मामले को लेकर राजनीति भी जारी है। कांग्रेस भाजपा पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है तो वहीं, भगवा पार्टी की ओर से भी पलटवार किया जा रहा है। कांग्रेस जहां सरकार पर पंडित नेहरू का नाम मिटाने का आरोप लगा रही है तो वहीं भाजपा का दावा है कि कांग्रेस को एक परिवार के अलावा कुछ नहीं दिखता। 

 

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राजनीतिक वार पलटवार

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस एक परिवार से आगे नहीं देख सकती। उन्होंने कहा कि यह एक फैमिली लिमिटेड कंपनी है, एक फैमिली लिमिटेड एंटरप्राइज है। अगर पीएम एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, चरण सिंह, चंद्रशेखर और अन्य लोगों को सम्मान दिया जाता है, जिन्होंने इस देश में योगदान दिया, लेकिन उन्हें एक परिवार से संबंधित होने का सौभाग्य नहीं मिला, अगर उनके योगदान को एक संग्रहालय में मनाया जाता है तो यह तानाशाही नज़रिया क्यों है? कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने कहा कि वे सोचते हैं कि पंडित नेहरू का नाम बोर्ड से हटाने से पंडित नेहरू का व्यक्तित्व कम हो जाएगा। नेहरू जी को लोग आधुनिक भारत का निर्माता मानते हैं। मैं मोदी जी को अटल बिहारी वाजपेयी का एक कथन याद दिलाना चाहता हूं क्योकिं आप उन्हें भी अपना नेता नहीं मानते हो। उन्होंने कहा था कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं बन पाएगा। 

 

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संजय राउत का सवाल

शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने कहा कि पंडित नेहरू ने देश को बनाने में येगदान दिया है उन्होंने आजादी की लड़ाई में भी योगदान दिया था। देश में कई प्रधानमंत्री हुए और सभी ने देश के लिए काम किया है। लेकिन संग्रहालय का नाम बदलने की जरूरत नहीं थी। नेहरू के नाम से ही संग्रहासय चल सकता था। उसी में आप बढ़ा स्थान सभी को दे सकते थे। पंडित नेहरू से नफरत के कारण ये किया गया है। भाजपा के सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने उनके (जवाहरलाल नेहरू) योगदान को संग्रहालय में ठीक से प्रदर्शित नहीं किया। मैंने संग्रहालय का दौरा किया और उनके कुछ दस्तावेज, और कुर्सियाँ रखी हुई थीं लेकिन अब यह बहुत अच्छी तरह से प्रदर्शित है। पहले यह केवल जवाहरलाल नेहरू पर केंद्रित था लेकिन अब सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को दिखाया गया है और इसलिए नाम केवल जवाहरलाल नेहरू के नाम पर नहीं हो सकता। 

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