By Prabhasakshi News Desk | Feb 24, 2025
मशहूर डायरेक्टर महेश भट्ट की बेटी पूजा भट्ट हिंदी सिनेमा जगत में अपने जमाने में खूब चर्चा में रहती थीं। आज के समय में पूजा इंडस्ट्री का जाना माना नाम हैं। सड़क, दिल है कि मानता नहीं और जख्म जैसी फिल्मों से रातों-रात स्टार बनीं अभिनेत्री ने 90 के दशक में अपने अभिनय और ग्लैमर के दम पर बॉलीवुड में सनसनी मचा दी थी। लेकिन अपनी फिल्मों से ज्यादा पूजा भट्ट अपने विवादों के लिए जानी गई हैं। आज वे अपना 53वां जन्मदिन मना रही हैं। तो इस मौके पर उनके बारे में आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं।
जन्म और प्रारम्भिक जीवन
बॉलीवुड के मशहूर भट्ट परिवार में पूजा भट्ट का जन्म आज ही दिन यानी 24 फरवरी 1972 को हुआ था। वे महेश भट्ट की पहली पत्नी किरण की बेटी हैं। हालांकि बाद में दोनों की राहें अलग हो गईं और महेश भट्ट ने किरण से तलाक ले लिया था। पूजा को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं थी, इसीलिए वह अपने पिता महेश भट्ट और सोनी राजदान से नफरत करती थीं। वक्त के साथ चीजें बदलीं और पूजा की नफरत प्यार में बदल गई। अब उनके अपने पिता और सौतेली मां से अच्छे संबंध हैं।
कम उम्न में शुरु किया फिल्मों में काम
फिल्म डैडी से पूजा ने अपने करियर की शुरुआत की थी। जिसको उनके पिता महेश भट्ट ने डायरेक्ट किया था। डेब्यू के वक्त पूजा सिर्फ 17 साल की थीं। इस फिल्म में उन्हें काफी बोल्ड अंदाज में दिखाया गया था। पहली ही फिल्म से पूजा काफी मशहूर हो गई थीं और डैडी फिल्म के लिए उनको फिल्मफेयर न्यू फेस ऑफ द ईयर का अवॉर्ड भी मिला था। इसके अलावा उन्होंने 'दिल है कि मानता नहीं', 'सड़क', 'जख्म', बॉर्डर जैसी फिल्मों में काम किया था, जिन्हें काफी पसंद किया गया था।
विवादों से भी रहा नाता
पूजा भट्ट उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आईं जब उन्होंने एक मैग्जीन के कवर के लिए पिता महेश भट्ट संग लिप-टू-लिप किस करते हुए पोज दिया। यह विवाद तब और बढ़ गया जब महेश भट्ट ने कहा कि 'पूजा अगर मेरी बेटी नहीं होती तो मैं उससे शादी कर लेता।' इसके बाद तो इतना बवाल हुआ था कि महेश भट्ट को जान से मारने की धमकियां भी मिली थीं।
मुश्किल से छूटी शराब की लत
उनकी जिंदगी में विवाद सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहे बल्कि काफी कम उम्र से उनको शराब की लत लग गई थी। धीरे-धीरे उनको शराब की ऐसी लत लगी कि वह इसकी आदी हो गईं। आलम यह था कि पूजा मरने की कगार पर आ गई थीं, लेकिन 45 साल की उम्र होने तक उन्हें अहसास होने लगा था कि शराब छोड़ देना चाहिए नहीं तो वह ज्यादा दिन जिंदा नहीं रहेंगी। फिर पिता महेश भट्ट के कहने पर पूजा ने शराब छोड़ दी और पिछले कई साल से बोतल को हाथ नहीं लगाया।