नोटबंदी के बाद मुद्रा की मात्रा बढ़ी और जाली मुद्रा पर रोक लगी: सरकार

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 10, 2019

नयी दिल्ली। सरकार ने नोटबंदी को देश की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी फैसला करार देते हुए मंगलवार को कहा कि इससे न सिर्फ मुद्रा की मात्रा बढ़ी है बल्कि जाली मुद्रा पर भी रोक लगी है। साथ ही डिजिटल भुगतान में इजाफे से नोटों के परिचालन को कम करने में सफलता मिली है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान नोटबंदी के फैसले के प्रभाव से जुड़े एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सरकार ने आठ नवंबर 2016 को पांच कारणों से 1000 और 500 रुपये के नोट के वैध मुद्रास्वरूप को समाप्त करने का निर्णय लिया था। सपा के विशंभर प्रसाद निषाद द्वारा पूछे गये प्रश्न के उत्तर में ठाकुर ने कहा कि कालेधन को खत्म करने, जाली नोट की समस्या से निपटने, आतंकवाद के वित्तपोषण की जड़ पर प्रहार करने, गैर औपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक अर्थव्यवस्था में रूपांतरित करने और भारत को कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिये डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह फैसला किया गया था।

इसे भी पढ़ें: प्याज लहसुन नही, बल्कि यह बताएं कि अर्थव्यवस्था की ऐसी स्थिति क्यों है: राहुल गांधी

इस फैसले से अर्थव्यवस्था में नोटों की कमी आने से जुड़े पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि चार नवंबर 2016 को 17741.87 अरब रुपये के नोट प्रचलन में थे, इसकी मात्रा दो दिसंबर 2019 को बढ़कर 22356.48 अरब रुपये हो गयी। ठाकुर ने कहा कि नोटबंदी और इसके बाद डिजिटलीकरण तथा अनौपारिक अर्थव्यवस्था में नकदी के प्रयोग की कमी से 3046.05 अरब रुपये के नोटों के परिचालन को कम करने में सफलता मिली है। नोटबंदी के बाद जाली नोटों में कमी आने के बारे में उन्होंने बताया कि आरबीआई ने सूचित किया है कि बैंकिंग प्रणाली में 2016-17 के दौरान 7.62 लाख नोट, 2017-18 में 5.22 लाख और 2018-19 में 3.17 लाख जाली नोटों की पहचान की गयी थी। अत: नोटबंदी के बाद जाली मुद्रा पर रोक लगी है। आतंकवाद के खिलाफ नोटबंदी के सकारात्मक प्रभाव के बारे में ठाकुर ने बताया कि 1000 और 500 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण के बाद आतंकवादियों के पास पड़ी अधिकतर नकदी बेकार हो गयी।

इसे भी पढ़ें: नोटबंदी के आतंकी हमले ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया: राहुल गांधी

ठाकुर ने कालेधन के खिलाफ अभियान में मिली कामयाबी का जिक्र करते हुये कहा कि नवंबर 2016 से मार्च 2017 के दौरान आयकर विभाग की 900 टीमों ने तलाशी और जब्ती की कार्रवाई कर 636 करोड़ रुपये की नकदी और 7961 करोड़ रुपये की अघोषित आय की स्वीकृति सहित 900 करोड़ रुपये की जब्ती की।नोटबंदी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन में मूडीज रेटिंग के मुताबिक गिरावट आने के पूरक प्रश्न के उत्तर में ठाकुर ने कहा कि मूडीज ने 2016 के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की रेटिंग कम नहीं की है। साथ ही नोटबंदी के बाद आयकर दाताओं की संख्या 6.14 करोड़ से बढ़कर 8.14 करोड़ हो गयी है। इसके अतिरिक्त डिजिटल भुगतान से लेनदेन की मात्रा 51 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2017-18 में 2071 करोड़ बढ़कर 2018-19 में 3134 करोड़ हो गयी है। 

प्रमुख खबरें

IAF Convoy Attack । आतंकियों की तलाश जारी, पूछताछ के लिए कई लोगों को हिरासत में लिया गया

नेतन्याहू के मंत्रिमंडल ने इजराइल में ‘Al Jazeera’ के कार्यालयों को बंद करने का फैसला किया

Vijay Wadettiwar के बिगड़े बोल, 26/11 मुंबई हमले में Pakistan को दी क्लीन चिट, RSS को बताया हेमंत करकरे की मौत का जिम्मेदार

रायबरेली और अमेठी में चुनाव प्रचार का नेतृत्व करेगीं Priyanka Gandhi, सोमवार से होगी चुनाव अभियान की शुरुआत