राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंगदान पर व्यापक जागरूकता का आह्वान किया

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 29, 2018

सूरत। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज मेडिकल और शैक्षणिक संस्थानों से अंगदान के बारे में जागरूकता फैलाने की अपील की, ताकि काफी संख्या में जरूरतमंद लोगों की मदद हो सके और उसके पूरे परिवार को एक नया जीवन मिल सके। कोविंद ने यहां अंगदान को बढ़ावा देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि किसी भी तरह के दान की तुलना में अंगदान ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह न सिर्फ एक व्यक्ति को , बल्कि उसके पूरे परिवार को एक नया जीवन देता है। हमारे देश में अंगदान नई चीज नहीं है। उन्होंने एक सर्वेक्षण का जिक्र करते हुए लोगों से कहा कि देश में लगभग 20 लाख लोग गुर्दा प्रतिरोपण (किडनी ट्रांसप्लांट) के लिए इंतजार कर रहे हैं। 

 

उन्होंने कहा कि इसी तरह से करीब एक लाख लोग लिवर प्रतिरोपण के लिए इंतजार कर रहे हैं। हालांकि , यह स्थिति अब धीरे - धीरे बेहतर हो रही है। जागरूकता भी बढ़ रही है क्योंकि अधिक से अधिक लोग अंगदान के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंगदान के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के कई तरीके हैं। उन्होंने इस बारे में दो उदाहरण भी दिए। राष्ट्रपति ने कहा , ‘‘ मुझे बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ने घोषणा की है कि जो कोई अपनी मृत्यु के बाद अपने शरीर का दान करने का संकल्प लेगा , उसका आजीवन मेडिकल कॉलेज में इलाज होगा। इसी तरह , लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ने अपनी मृत्यु के बाद अपना शरीर दान करने वाले व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को 25 फीसदी रियायत देने की घोषणा की है।’’

 

राष्ट्रपति ने देश में अंगदान के प्रति बदलती सोच को लेकर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे बताया गया कि भारत अंगदान के मामले में अच्छा कर रहा है, खासतौर पर जीवित व्यक्ति द्वारा किडनी का दान किया जाना। नेत्र दान के मामले में भी स्थिति बेहतर हुई है। मुझे बताया गया है कि इस तरह के अंगदान में सूरत प्रथम स्थान पर है।’’ उन्होंने इस गतिविधि से जुड़े विभिन्न संस्थानों और लोगों से अंगदान के संदेश को आसान भाषा में फैलाने की अपील की ताकि यह आम आदमी तक पहुंच सके। कोविंद ने कहा कि मेडिकल संस्थान , गैर सरकारी संगठन और कॉलेजों को लोगों में अंगदान के बारे में और अधिक जागरूकता फैलानी चाहिए। 

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