Prabhasakshi Exclusive: Russia, Ukraine के राष्ट्रपति युद्ध क्षेत्र में जाकर अपनी सेना का मनोबल बढ़ा रहे हैं, क्या यह युद्ध और लंबा चलेगा?

By नीरज कुमार दुबे | Apr 21, 2023

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी जी से जानना चाहा कि रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच दोनों देशों के राष्ट्रपति यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर अपनी अपनी सेना का मनोबल बढ़ा रहे हैं और फोटो खिंचवा रहे हैं। क्या इससे यह साबित नहीं होता कि युद्ध के समाप्त होने के फिलहाल कोई आसार नहीं हैं। साथ ही रूस के उप प्रधानमंत्री हाल ही में भारत यात्रा पर थे, इसे कैसे देखते हैं आप?


इसके जवाब में उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्रपतियों के लिए यह जरूरी है कि वह युद्ध मैदान में साल भर से ज्यादा समय से डटे अपनी अपनी सेना का मनोबल बढ़ाएं। इसीलिए व्लादीमिर पुतिन और वोलोदिमीर जेलेंस्की अपने सैनिकों से मिल रहे हैं और उनके साथ फोटो खिंचवा रहे हैं ताकि नीचे से ऊपर तक यह संदेश जा सके कि वह यह जंग जीतने के लिए लड़ रहे हैं। इससे यह भी लग रहा है कि युद्ध समाप्त होने के फिलहाल आसार नहीं हैं, वैसे भी अमेरिका और नाटो देश जिस तरह से यूक्रेन को हथियारों की सप्ताई बढ़ाते जा रहे हैं वह युद्ध समाप्त करने के प्रयास तो नहीं ही हैं। जहां तक रूसी उपप्रधानमंत्री की भारत यात्रा की बात है तो वह काफी सार्थक रही है। इससे ठीक पहले यूक्रेन की उप विदेश मंत्री भी भारत आई थीं और रूस के खिलाफ भारत का सहयोग मांगा था।

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ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा भी है कि भारत-रूस के रिश्ते प्रमुख वैश्विक संबंधों में सबसे ‘स्थायी’ हैं। इसके साथ ही उन्होंने व्यापार असंतुलन के मुद्दे से निपटने और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग बढ़ाने की जरूरत को भी रेखांकित किया है। उन्होंने बताया कि रूसी उप प्रधानमंत्री डेनिस मेनतुरोव के साथ एक समारोह में हिस्सा लेते हुए जयशंकर ने कहा कि ऐसे समय में जब रूस एशिया की ओर अधिक देख रहा है, रूसी संसाधन एवं प्रौद्योगिकी भारत की प्रगति में मजबूत योगदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विविध क्षेत्रों में दोनों देशों में द्विपक्षीय सम्पर्क के विस्तार की संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद भारत और रूस के बीच कारोबारी संबंध आगे की ओर बढ़ रहे हैं, हालांकि पश्चिमी ताकतों की ओर से इस पर असंतोष जताया गया है।


उन्होंने कहा कि जयशंकर के अलावा रूसी उप प्रधानमंत्री की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से भी मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों ने भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी से जुड़े व्यापक मुद्दों पर चर्चा की। इसके अलावा, व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर अंतर-सरकारी रूस-भारत आयोग के सह-अध्यक्ष के रूप में जयशंकर और मेनतुरोव ने दोनों देशों के कारोबारी प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मेनतुरोव की यह यात्रा भारत-रूस के व्यापारिक रिश्तों में फिर से बढ़ोतरी होने, खासकर नयी दिल्ली द्वारा रूस से रियायती दाम पर कच्चा तेल खरीदने की पृष्ठभूमि में हुई। यहां यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की अब तक निंदा नहीं की है और कहा है कि संकट को कूटनीति और संवाद के जरिए हल किया जाना चाहिए।

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