By अंकित सिंह | Dec 21, 2020
कोरोनावायरस महामारी के कारण इस साल हर काम में देरी हो रही है। कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को भी पीछे किया है। इसके अलावा कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण कई क्षेत्रों के काम अधूरे पड़े है। उन्हें समय पर पूरा नहीं किया जा सका है। इसी कड़ी में इस वित्त वर्ष नासिक के करंसी नोट प्रेस ने भी अपना सिर्फ 50 फ़ीसदी टारगेट ही पूरा किया है। यानी कि साल में जितने नोट छापे जाते हैं, उसका सिर्फ और सिर्फ 50 फ़ीसदी ही टारगेट पूरा हो पाया है जबकि वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही भी खत्म होने के कगार पर है। इसी को ध्यान में रखते हुए नासिक की करेंसी नोट प्रेस में टारगेट पूरा करने के लिए नोटों की छपाई पूरे जोरों पर है। यहां तक कि रविवार के दिन भी अब यहां काम हो रहा है।
नासिक की यह प्रेस सरकार की सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) की ही एक इकाई है। यहां कई तरह के डिनॉमिनेशन नोट छापे जाते है। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से इस वित्त वर्ष में कुल 510 करोड़ करेंसी नोट छापे जाने का टारगेट सेट किया गया है लेकिन अभी तक यहां सिर्फ और सिर्फ 50 फ़ीसदी ही टारगेट को पूरा किया गया है। इसका सबसे बड़ा कारण तो यह है कि कोरोनावायरस के कारण देश में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से 22 मार्च से करीब 2 महीने तक नासिक की करेंसी नोट प्रेस बंद रही। नोटों की छपाई यहां मई के दूसरे पखवाड़े में शुरू हुई पर वह भी सीमित लोगों के साथ। कोरोना महामारी प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए भी यहां कुछ ही लोगों का आना शुरू हुआ।
सूत्र बता रहे हैं कि करेंसी नोट प्रेस में ₹100 और ₹50 के नोट छापने का टारगेट पूरा कर लिया गया है। वर्तमान में यहां 500 और ₹20 के नोटों की छपाई जारी है। जल्द ही ₹200 और ₹10 के नोटों की छपाई शुरू होगी। आपको बता दें कि देश में कुल 4 जगहों पर नोटों की छपाई होती है। इन 4 जगहों में से दो एसपीएमसीआईएल के अंतर्गत आता है जबकि दो भारतीय रिजर्व बैंक के अंतर्गत है। नासिक के अलावा एसपीएमसीआईएल के अंतर्गत आने वाला नोट छपाई केंद्र मध्यप्रदेश के देवास में है। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक के अंतर्गत आने वाले छपाई केंद्र कर्नाटक के मैसूर और पश्चिम बंगाल के सालबोनी में है।