सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की आठ बिजली कंपनियों की तरफ से किए जाने वाले कुल निवेश को वित्त वर्ष 2023-24 में करीब 15 प्रतिशत बढ़ाकर 60,805.22 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। संसद में बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए यह घोषणा की गई। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए सार्वजनिक बिजली कंपनियों का निवेश अनुमान भी संशोधित कर 52,878.08 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट अनुमान पहले 51,470.14 करोड़ रुपये का था।
बजट प्रस्तावों के मुताबिक, पनबिजली उत्पादक कंपनी एनएचपीसी के निवेश अनुमान को 7,128.95 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से बढ़ाकर 10,857.22 करोड़ रुपये कर दिया गया है। चालू वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान 7,361.05 करोड़ रुपये का था। इसी तरह एसजेवीएन लिमिटेड का निवेश अनुमान अगले वित्त वर्ष के लिए बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
पावरग्रिड के मामले में यह अनुमान 8,800 करोड़ रुपये पर स्थिर रखा गया है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) का निवेश लक्ष्य 2,708 करोड़ रुपये, एनटीपीसी का 22,454 करोड़ रुपये, नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन का 2,018.59 करोड़ रुपये और टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का निवेश अनुमान 3,900.41 करोड़ रुपये रखा गया है।