By अभिनय आकाश | Dec 22, 2025
एक तरफ तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पुतिन और जेलस्की को एक साथ लाकर युद्ध खत्म करवाना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ उनके ही लोग रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन का मजाक उड़ा रहे हैं। दरअसल यूरोप यूक्रेन का समर्थन कर रहा है। तो पुतिन उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अमेरिका यह कह रहा है कि रूस पहले यूक्रेन तो जीत नहीं पा रहा। यूरोप जीतने की दूर की बात। यह बयान किसी आम अमेरिकी नेता का नहीं बल्कि अमेरिका की सबसे ताकतवर खुफिया कुर्सी पर बैठी शख्सियत डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस तुलसी गबाार्ड का है।
एक्स पर एक पोस्ट में गैबर्ड ने कहा कि सच तो यह है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का आकलन है कि रूस के पास यूक्रेन को जीतने और उस पर कब्जा करने की क्षमता भी नहीं है, यूरोप पर आक्रमण करने और उस पर कब्जा करने की तो बात ही छोड़ दें। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके विपरीत दावे युद्ध समर्थक नीतियों को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। गबर्ड ने डीप स्टेट के युद्ध भड़काने वालों और उनके दुष्प्रचार माध्यमों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा यूक्रेन और यूरोप में शांति स्थापित करने के प्रयासों को विफल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये समूह झूठा दावा कर रहे हैं कि अमेरिकी खुफिया समुदाय यूरोपीय संघ और नाटो के इस विचार का समर्थन करता है कि रूस का उद्देश्य यूरोप पर आक्रमण करके उस पर कब्जा करना है।
यानी कि गबार्ड की माने तो पुतिन की ताकत लोग जितनी बता रहे हैं उतनी है ही नहीं। रट्टर के मुताबिक अमेरिकी खुफिया रिपोर्टों में लगातार चेतावनी दी जा रही है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन ने पूरे यूक्रेन पर कब्जा करने और यूरोप के उन हिस्सों को वापस पाने के अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा है जो पूर्व सोवियत साम्राज्य का हिस्सा था। सबसे हालिया रिपोर्ट सितंबर के अंत की है। तुलसी गबड़ ने इस डर की राजनीति पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया युद्ध समर्थक नीतियों को सही ठहराने के लिए जानबूझकर डर फैलाया जा रहा है। डीप स्टेट और पश्चिमी मीडिया का एक वर्ग शांति की हर कोशिश को नाकाम करना चाहता है।