By अनन्या मिश्रा | Jun 27, 2025
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के ब्रह्म यानी मध्य स्थान, किचन या बेडरूम में पितरों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। वास्तु के मुताबिक इन जगहों पर पितरों की तस्वीरें लगाना अपमान के बराबर माना जाता है। इससे घर के माहौल पर बुरा प्रभाव पड़ता है और गृह क्लेश बढ़ने लगता है। इसलिए पितरों की तस्वीरें इन स्थानों पर नहीं लगाना चाहिए।
कई लोग घर में किसी दीवार पर पितरों की तस्वीर लटकाकर रखते हैं। लेकिन ऐसा करना सही नहीं माना जाता है। दीवार पर तस्वीरें लटकाने की बजाय लकड़ी का स्टैंड या टेबल बनवाकर उसके ऊपर पूर्वजों की तस्वीर रख सकते हैं। वहीं गलत स्थान पर पितरों की तस्वीरें लटकाने से वास्तु दोष पैदा हो सकता है और घर में निगेटिव एनर्जी का संचार हो सकता है।
पितरों की तस्वीर को कभी भी घर में ऐसे स्थान पर नहीं लगाना चाहिए। जहां पर घर के सदस्यों की आते-जाते उस पर नजर पड़े। ऐसा करने से सदस्यों के मन में निराशा की भावना पैदा हो सकती है और इसका बुरा प्रभाव जीवन पर पड़ता है। दक्षिण और पश्चिम दीवारों पर भी पितरों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने से सदस्यों की तरक्की रुक सकती है और कार्यों में रुकावट आने लगती हैं। वहीं घर की सुख-समृद्धि की भी कमी हो सकती है।
वास्तु शास्त्र के हिसाब से घर में एक से अधिक पितरों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। वहीं तस्वीर को ऐसे स्थान पर नहीं लगाएं कि आते-जाते मेहमानों की इस पर नजर पड़े। ऐसे स्थान पर पूर्वजों की तस्वीर लगाने से घर में निगेटिव एनर्जी का वास आने लगता है। ऐसा करने से घर में आर्थिक संकट के बादल मंडरा सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में पितरों की तस्वीर उत्तर दिशा में इस तरह से लगाना चाहिए कि उनका मुख दक्षिण दिशा की तरफ हो। माना जाता है कि दक्षिण दिशा पितरों की दिशा होता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस तरह पितरों की तस्वीर लगाने से परिवार के सदस्यों का जीवन संकटों और अकाल मृत्यु से बचाव होता है। वहीं उत्तरी हिस्से के कमरों में ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में पितरों की तस्वीर लगाई जा सकती है। लेकिन जिस भी दिशा में पितरों की तस्वीरें लगाएं, वह जगह दिशा दोष से मुक्त होनी चाहिए। वहीं इस तरह से पितरों की तस्वीरें लगाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।