By अभिनय आकाश | Dec 23, 2024
कर्नाटक की मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने भाजपा एमएलसी सीटी रवि के खिलाफ न्याय पाने के अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया, उन्होंने उन पर विधायी सत्र के दौरान उनके खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। हेब्बालकर ने मामले को आगे बढ़ाने की योजना की घोषणा की, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, विधान परिषद के अध्यक्ष बसवराज होरत्ती, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और यहां तक कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग शामिल है। रवि को किसी भी कीमत पर माफ करने का कोई सवाल ही नहीं है।
हेब्बालकर ने कहा कि अगर मुझे मौका मिला तो मैं प्रधानमंत्री से मिलूंगी और अपने साथ हुए अन्याय को उनके संज्ञान में लाऊंगी। यह घटना 19 दिसंबर को विधान परिषद में एक विवाद के दौरान हुई, जहां रवि ने कथित तौर पर उन्हें "वेश्या" कहा था। हेब्बलकर की शिकायत के आधार पर उन्हें उसी शाम बेलगावी के सुवर्णा विधान सौध में गिरफ्तार कर लिया गया। पत्रकारों से बात करते हुए हेब्बालकर ने आश्चर्य और निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि दो दिनों के लिए, मैं मौन में चली गई क्योंकि मैं सदमें में थी। मैंने कभी किसी से ऐसी बात नहीं सुनी थी। मैंने 26 साल तक संघर्ष किया है और अन्याय से लड़ते हुए इस स्तर तक आई हूं।
हेब्बालकर ने रवि का समर्थन करने के लिए राज्य भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र और विपक्ष के नेता आर अशोक सहित भाजपा नेताओं की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मुझे अपने पंचमसाली लिंगायत समुदाय के नेताओं, बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और अरविंद बेलाड पर दया आती है, जिन्होंने एक ऐसे व्यक्ति का समर्थन किया जिसने एक महिला को घृणा महसूस कराई। राजनीति और अपनी पार्टी के लिए वे ऐसा कर रहे हैं।