By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 25, 2016
नयी दिल्ली। बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के विरोध में लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण भी प्रश्नकाल बाधित रहा। सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के 20 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।विपक्ष सदन के कार्य स्थगित करके मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग के साथ आज एक समारोह में नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान का विरोध कर रहे थे। सरकार का कहना है कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है हालांकि विपक्षी दल कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सदन में मौजूदगी की मांग करने के साथ ही विपक्षी सदस्य एक सामारोह में नोटबंदी पर मोदी के बयान का विरोध कर रहे थे। इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक समारोह में प्रधानमंत्री के बयान पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जो कहा, वह ठीक नहीं है। उन्हें सदन में बोलना चाहिए क्योंकि सत्र चल रहा है। मोदी ने आज सुबह एक पुस्तक विमोचन समारोह में कहा कि नोटबंदी के फैसले से पहले तैयारी नहीं होने की सरकार की आलोचना कर रहे लोगों की पीड़ा यह है कि उन्हें खुद तैयारी का वक्त नहीं मिला।कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सदस्यों को ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ, प्रधानमंत्री सदन में बोलो’ के नारे लगाते सुना गया। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया और सदन की कार्यवाही चलाने का प्रयास किया। इस दौरान कुछ प्रश्न भी लिये गए और संबंधित मंत्रियों ने उसके जवाब भी दिये। हालांकि विपक्षी सदस्यों का शोर शराबा जारी रहा। व्यवस्था बनते नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के 20 मिनट बाद 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन में उस समय अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक व्यक्ति ने सदन की कार्यवाही स्थगित होने के ठीक बाद दर्शकदीर्घा से नीचे कूदने का प्रयास किया लेकिन सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ कर काबू में कर लिया।