रबी बुवाई समाप्त, गेहूं का रकबा मामूली बढ़कर 343.23 lakh hectare पर

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 03, 2023

सर्दियों की फसलों की बुवाई समाप्त होने के साथ ही फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के रबी सत्र में गेहूं की बुवाई का कुल क्षेत्रफल पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले मात्र 1.39 लाख हेक्टेयर बढ़कर 343.23 लाख हेक्टेयर (हेक्टेयर) हो गया है। शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। मुख्य रबी (सर्दियों) की फ़सल, गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और मार्च/अप्रैल में कटाई होती है। चना और सरसों इस मौसम में उगाई जाने वाली अन्य प्रमुख फसलें हैं।

आंकड़ों से पता चलता है कि फसल वर्ष 2022-23 के रबी सत्र में सभी रबी फसलों का कुल बुवाई रकबा एक साल पहले की समान अवधि के 697.98 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 720.68 लाख हेक्टेयर हो गया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रबी फसलों की खेती में वृद्धि की सराहना करते हुए कहा, ‘‘यह हमारे मेहनतकश किसान भाइयों और बहनों, कृषि वैज्ञानिकों और नरेंद्र मोदी सरकार की किसान हितैषी नीतियों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।’’

मंत्रालय द्वारा जारी अंतिम आंकड़ों के अनुसार, चालू फसल वर्ष में तीन फरवरी तक गेहूं का रकबा बढ़कर 343.23 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 341.84 लाख हेक्टेयर था। बुवाई का रकबा राजस्थान में 2.52 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1.03 लाख हेक्टेयर, बिहार में 94 हजार हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश 93 हजार हेक्टेयर रहा है। धान के मामले में, इस वर्ष के रबी सत्र में खेती के रकबे में 46.25 लाख हेक्टेयर पर तेज वृद्धि हुई है, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह रकबा 35.05 लाख हेक्टेयर था।

तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में धान खेती के रकबे में अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि धान खेती के रकबे का रुख अन्य कम पानी खपत वाले तिलहनों, दालों और पोषक अनाज वाली फसलों की ओर मोड़ा जा रहा है। इस साल रबी सत्र में दलहन की बुवाई का रकबा मामूली बढ़कर 167.86 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 167.31 लाख हेक्टेयर था। जिसमें से, चना खेती का रकबा एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 2.16 लाख हेक्टेयर घटकर 112.01 लाख हेक्टेयर रह गया।

मंत्रालय ने कहा कि तिलहन के मामले में, इस साल के रबी सत्र में बुवाई का मामूली बढ़कर 109.84 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 102.36 लाख हेक्टेयर ही था। इसमें से तोरिया-सरसों का रकबा 98.02 लाख हेक्टेयर का है। तिलहन खेती के रकबे में बढ़ोतरी में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का प्रमुख योगदान है। पोषक मोटे अनाजों की बुवाई का रकबा भी पहले के 51.49 लाख हेक्टेयर की तुलना में मामूली बढ़कर 53.49 लाख हेक्टेयर हो गया।

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