By गौतम मोरारका | Dec 20, 2022
महाराष्ट्र के अमरावती में दवा कारोबारी उमेश कोल्हे की नृशंस हत्या का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। इस मामले को लेकर तमाम तरह के आरोप लगाये गये थे लेकिन अब एनआईए की ओर से अदालत में दाखिल आरोप पत्र से खुलासा हो गया है कि ये हत्या कट्टरपंथियों की साजिश थी। एनआईए के आरोप पत्र से यह भी जगजाहिर हो गया है कि तब्लीगी जमात धर्म के नाम पर चलाया जा रहा एक ऐसा संगठन है जिससे जुड़े लोग ना सिर्फ कट्टरपंथी हैं बल्कि देश का माहौल बिगाड़ने का प्रयास भी करते हैं।
हम आपको बता दें कि एनआईए के आरोप पत्र में कहा गया है कि “तब्लीगी जमात के कट्टरपंथी इस्लामवादियों” ने पैंगबर मोहम्मद के कथित अपमान का बदला लेने के लिए महाराष्ट्र के अमरावती में दवा विक्रेता उमेश कोल्हे की हत्या की थी। एनआईए ने इस हत्याकांड को कट्टरपंथी व्यक्तियों के एक गिरोह का आतंकी कृत्य करार देते हुए कहा कि वे उमेश कोल्हे की हत्या कर डर पैदा करना चाहते थे। एजेंसी ने कहा है कि तब्लीगी जमात के कट्टरपंथियों ने कथित रूप से धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर 21 जून को उमेश कोल्हे की हत्या की।
एनआईए ने विशेष अदालत के समक्ष 11 आरोपियों के खिलाफ जो आरोप पत्र दाखिल किया है उसके मुताबिक सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ भारतीय दंड सहिंता की धारा 120बी, 302, 341, 153ए, 201 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोप पत्र के मुताबिक आरोपियों के नाम अब्दुल शेख, मोहम्मद शोएब, आतिब राशिद, यूसुफ खान, इरफान खान, अब्दुल अरबाज, मुशिफिक अहमद, शेख शकील, शाहिम अहमद, मुदस्सिर अहमद और शाहरुख खां हैं। एनआईए ने आरोप पत्र में कहा है कि “जांच में पता चला है कि तब्लीगी जमात के कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने, विभिन्न जातियों व धर्मों-विशेष रूप से भारत में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दुश्मनी, दुर्भावना और नफरत को बढ़ावा देने के लिए उमेश कोल्हे की हत्या की।” आरोप पत्र में दावा किया गया है कि पैगम्बर मोहम्मद के बारे में दिये गये नुपूर शर्मा के विवादित बयानों का समर्थन करने वाले व्हाट्सएप पोस्ट को उमेश कोल्हे द्वारा साझा करने पर उससे बदला लेने के लिए आरोपी ने एक आतंकवादी गिरोह बनाया था।
हम आपको यह भी बता दें कि जब यह हत्याकांड सामने आया था उस समय इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गयी थी लेकिन बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (आपराधिक साजिश), 302 (हत्या), 153-ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान और भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) समेत अन्य धाराओं के तहत दो जुलाई को मामला दर्ज किया था।
एनआईए के आरोप पत्र के दाखिल करने के बाद अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने कहा है कि मैंने इस मामले को लेकर आवाज उठाई थी इसीलिए आज यह मामला यहां तक पहुँचा है। उन्होंने महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार ने इस मामले को नजरअंदाज किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को तब्लीगी जमात पर नकेल कसनी चाहिए। मीडिया से बातचीत में नवनीत राणा ने कहा कि अब वक्त बदल चुका है और इस बदले दौर में कोई भी तब्लीगी जमात के कट्टरपंथ को बर्दाश्त नहीं करेगा।
उधर, भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी उमेश कोल्हे की हत्या पर NIA की चार्ज शीट दायर होने पर खुशी जताते हुए कहा है कि अब यह सामने आ चुका है कि तब्लीगी जमात ने साजिश करके हत्या करवाई। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हत्याकांड का मकसद हिंदुओं में आतंक फैलाना था। उन्होंने कहा कि देश में हुई ऐसी सभी हत्याएँ आतंकी घटनाएँ हैं। कपिल मिश्रा ने कहा कि जो नेता और पत्रकार तब्लीगी जमात का बचाव कर रहे थे वो सब भी इन हत्याओं के दोषी हैं। बहरहाल, आइये आपको सुनाते हैं उमेश कोल्हे के भाई महेश कोल्हे का वह बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि वह इस बात से हैरान हैं कि सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट पर ही उनके भाई की हत्या कर दी गयी।