Prabhasakshi's Newsroom । दिल्ली में भारी बारिश के चलते जलभराव, किसान आंदोलन की वजह से रद्द हुईं कई ट्रेनें

By अनुराग गुप्ता | Aug 21, 2021

दिल्ली में भारी बारिश के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली है। वहीं, मिंटो ब्रिज, मूलचंद अंडरपास और आईटीओ समेत अनेक स्थानों पर जलभराव हो गया। दिल्ली यातायात पुलिस ने कई अंडरपास को बंद कर दिया। इसके अलावा किसानों के आंदोलन के चलते लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। त्योहार के मौसम में कई ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है। बात सोनिया गांधी की विपक्षी एकजुटता को लेकर बुलाई गई बैठक पर भी होगी। 

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भारी बारिश के बाद कई इलाकों में जलभराव

दिल्ली में सुबह भारी बारिश होने से मिंटो ब्रिज, मूलचंद अंडरपास और आईटीओ समेत अनेक स्थानों पर जलभराव हो गया। जलभराव की वजह से दिल्ली यातायात पुलिस ने कई अंडरपास बंद कर दिए और यात्रियों को ट्विटर के जरिए जानकारी दी। वहीं पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कहा कि उसके कर्मी जलभराव की समस्याओं को प्राथमिकता से सुलझा रहे हैं। यातायात पुलिस ने कई ट्वीट किए जिनमें कहा कि मिंटो ब्रिज पर जलभराव के कारण यातायात बंद किया गया है, कृपया यहां जाने से बचें। जलभराव के कारण मूलचंद अंडरपास पर यातायात प्रभावित है। आजाद मार्केट अंडरपास को 1.5 फुट जलभराव के कारण बंद किया गया।

भारी बारिश के कारण प्रह्लादपुर अंडरपास, लाजपतनगर, जंगपुरा, आईटीओ, प्रगति मैदान, संगम विहार, रोहतक रोड, मंगोलपुरी, किराड़ी और मालवीय नगर में भी सड़कों पर जलभराव की समस्या हुई। दक्षिण दिल्ली में महरौली-बदरपुर रोड पर जलभराव के कारण यातायात प्रभावित हुआ। 

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किसान आंदोलन के चलते 4 ट्रेनें बीच में ही रद्द

केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन पिछले 9 महीने से जारी है। जिसके चलते लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच पंजाब में जारी विरोध प्रदर्शन से चलते कई ट्रेनें रद्द हो गईं। कुछ ऐसी ट्रेनें भी हैं, जिन्हें आंशिक रूप से रद्द किया गया। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और बरेली में भी लोगों को दिक्कतें हुईं। किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते ट्रेनों को बीच में ही रोक दिया गया। मुरादाबाद रेलवे स्टेशन के सीएमआई जेके ठाकुर ने बताया कि हमने यात्रियों की टिकट वापसी के लिए 5 काउंटर खोले हैं, किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते ट्रेन को रद्द कर दिया गया है।

किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून बनाएं 

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ममता ने कोर ग्रुप बनाने का दिया सुझाव

कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की पहल पर देश के 19 विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ‘मजबूरियों’ और मतभेदों को भुलाकर भाजपा के खिलाफ एकजुट होने पर सहमति जताई गई। इसके अलावा पेगासस जासूसी मामला, किसान आंदोलन और कई अन्य मुद्दों को लेकर सरकार को पुरजोर ढंग से घेरने का संकल्प लिया गया।

बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी कर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा और 11 सूत्री मांग रखते हुए कहा कि वे सरकार की नीतियों के खिलाफ 20 से 30 सितंबर के बीच राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे।

वहीं समाजवादी नेता शरद यादव का बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी की वर्चुअल बैठक में ममता बनर्जी ने भाजपा के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए एक कोर ग्रुप बनाने का विचार रखा। इस बैठक में इस बात पर चिंता जताई गई थी कि कैसे सभी संस्थान एक पार्टी का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता के लिए एक कोर ग्रुप बनाने का विचार रखा, जिसकी बैठक हर तीन-चार दिन में होनी चाहिए।

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