मंदिर की वजह से बंद हो सकता है राजामंडी रेलवे स्टेशन, रेलवे ने जारी किया था नोटिस, जानें पूरा मामला

By अंकित सिंह | Apr 28, 2022

उत्तर प्रदेश के आगरा के पास एक स्टेशन है। नाम है राजा मंडी। फिलहाल इस स्टेशन को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। दरअसल, स्टेशन परिसर के चामुंडा देवी मंदिर है। इसको विस्थापित करने को लेकर रेल प्रशासन द्वारा एक नोटिस जारी किया गया था। इस को लेकर विवाद शुरू हो गया है। हिंदू साधु संतों का दावा है कि मंदिर नहीं हटेगा, स्टेशन कहीं भी ले जाओ। वही डीआरएम की ओर से एक ट्वीट में साफ कर दिया गया कि या तो अब मंदिर रहेगा या फिर स्टेशन। इसके बाद से अब हिंदूवादी संगठन एकजुट होते दिखाई दे रहे हैं और आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है। नोटिस में प्लेटफॉर्म और रेलवे की जमीन से मंदिर के हिस्से को हटाने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। पूरा मामला यह है कि रेलवे ने अपनी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कोशिश के तहत उसके उत्तर मध्य जोन ने आगरा में भूरे शाह बाबा की मजार और चामुंडा देवी मंदिर को नोटिस जारी किया था। मजार की देखरेख करने वाले सज्जादा नाशिम को 25 अप्रैल को जारी नोटिस में रेलवे ने कहा कि यह मजार आगरा छावनी रेलवे बोर्ड के स्वामित्व वाली जमीन पर बनाई गयी और 182.57 वर्ग मीटर जमीन ‘अवैध रूप से कब्जाई’ गयी है। इसी तरह चामुंडा देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी को 12 अप्रैल को भेजे गये नोटिस में रेलवे ने कहा कि मंदिर का एक हिस्सा राजा की मंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर अतिक्रमण कर रहा है और इससे यात्रियों को असुविधा होने के साथ ट्रेनों के आवागमन पर भी असर पड़ता है। 

 

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बंद किया जा सकता है राजामंडी रेलवे स्टेशन

आगरा में एक मंदिर की वजह से राजा की मंडी रेलवे स्टेशन को यात्रियों के लिए बंद किया जा सकता है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि इस रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर बने मंदिर को लेकर विवाद चल रहा है। आगरा रेल मंडल के प्रबंधक आनंद स्वरूप ने ट्वीट कर बताया कि यदि चामुंडा देवी मंदिर नहीं हटाया जाता, तो स्टेशन को यात्री प्रयोग के लिए बंद किया जा सकता है। उन्होंने मंदिर के स्थान परिवर्तन को लेकर जारी नोटिस की प्रति भी साझा की है जिसके मुताबिक प्लेटफार्म संख्या-एक पर 72 वर्गमीटर में कथित ‘अवैध’ निर्माण है। इस मामले में पीआरओ/वाणिज्य प्रबंधक प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि राजा की मंडी स्टेशन मंदिर प्रकरण पर डीआरएम द्वारा ट्विटर पर जारी पत्र के जरिये जो पक्ष रखा गया है वह ‘आधिकारिक’ है।

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