Rajasthan: सुलह की कोशिश हुई बेकार! क्या नई पार्टी बनाने की योजना बना रहे हैं सचिन पायलट?

By अंकित सिंह | Jun 02, 2023

राजस्थान कांग्रेस में उबाल लगातार जारी है। हालांकि, कांग्रेस का दावा है कि पार्टी में सबकुछ ठीक है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि सचिन पायलट का नाराजगी कम नहीं हुई है। दरअसल, पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में राजस्थान को लेकर एक बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद कहा गया था कि पार्टी में सबकुछ ठीक है और हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे। आपको बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद लगातार जारी है। 

 

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नई पार्टी का करेंगे ऐलान

खबरों की मानें तो सचिन पायलट राजस्थान चुनाव से पहले नई पार्टी बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि पायलट 11 जून को अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि दौसा में नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि पायलट इसके लिए अपने लोगों से मिल रहे हैं। हालांकि, पायलट ने अभी तक कोई घोषणा नहीं की है। अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस के लिए राजस्थान में चुनौतिया बढ़ सकती हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच लंबे समय से अनबन चल रही है। 


कांग्रेस का दावा

दोनों गुटों के समर्थकों के बीच वार-पलटवार का दौर लगातार चलता रहता है। हालाँकि, कांग्रेस का कहना है कि पार्टी सर्वोच्च है और विजयी होने के लिए एकजुट होकर राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ेगी। सूत्रों ने कहा था कि तनाव को कम करने के लिए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने सोमवार को गहलोत और पायलट के साथ अलग-अलग मैराथन चर्चा की थी। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह भी कहा था कि गहलोत और पायलट पार्टी के प्रस्ताव पर सहमत हो गए हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया था। 


पायलट की मांग

पायलट ने पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई सहित अपनी अन्य मांगों से पीछे हटने से बुधवार को इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने जिन मुद्दों को उठाया था, उनसे समझौता करने की कोई संभावना नहीं है। गहलोत ने पार्टी नेतृत्व के साथ मैराथन बैठक के एक दिन बाद पायलट के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जताई और यह भी दावा किया कि जनता एक बार फिर से प्रदेश की कमान कांग्रेस को सौंपेगी। उन्होंने साथ ही कहा कि नेताओं को धैर्य रखना चाहिए क्योंकि धैर्य रखने पर कभी न कभी मौका मिलता है। 

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