By अंकित सिंह | Oct 02, 2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को विजयादशमी के अवसर पर भुज सैन्य अड्डे पर शस्त्र पूजा की। इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और दक्षिणी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ भी उपस्थित थे। ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एल-70 एयर डिफेंस (एडी) तोप भी समारोह के दौरान रक्षा मंत्री को विशेष रूप से भेंट की गई।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, एल-70 एयर डिफेंस तोप ने असाधारण प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया। यह तोप, जो प्रति मिनट 300 राउंड फायर कर सकती थी और 3,500 मीटर दूर तक के लक्ष्यों को भेद सकती थी, पाकिस्तानी ड्रोनों को मार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उल्लेख करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "चाहे वह आतंकवाद हो या किसी भी अन्य प्रकार की समस्या, आज हमारे पास इससे निपटने और इसे हराने की क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक के इस क्षेत्र तक भारत की रक्षा प्रणाली में सेंध लगाने का असफल प्रयास किया था। भारत के सशस्त्र बलों ने पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया और दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत के सशस्त्र बल जब चाहें, जहां चाहें और जैसे चाहें, पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।"
रक्षा मंत्री भुज सैन्य अड्डे पर शस्त्र पूजा से पहले सैनिकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि, "जब हम किसी शस्त्र की पूजा करते हैं, तो हम उस शक्ति का उपयोग केवल धर्म और न्याय की रक्षा के लिए करने का संकल्प भी लेते हैं। भगवान राम ने अपने जीवन में इसी संकल्प का परिचय दिया। जब उन्होंने रावण के विरुद्ध युद्ध किया, तो उनके लिए वह युद्ध केवल विजय का साधन नहीं, बल्कि धर्म की स्थापना का साधन था।"
रक्षा मंत्री ने कहा, "जब महाभारत का युद्ध भगवान कृष्ण के मार्गदर्शन में लड़ा गया था, तब भी उसका उद्देश्य पांडवों की विजय सुनिश्चित करना नहीं, बल्कि धर्म की स्थापना करना था। शस्त्र पूजा इस बात का प्रतीक है कि भारत न केवल शस्त्रों की पूजा करता है, बल्कि समय आने पर उनका उपयोग करना भी जानता है।"