By अनुराग गुप्ता | Aug 12, 2021
नयी दिल्ली। टोक्यो ओलिंपिक 2020 में शानदार प्रदर्शन के बाद अब खिलाड़ी पैरालंपिक में देश को पदक दिलाने के लिए तैयार हैं। इसी बीच हम बात करेंगे जम्मू-कश्मीर के कटरा में रहने वाले भारतीय पैरा तीरंदाज राकेश कुमार की। साल 2016 में तीरंदाजी की शुरुआत करने वाले राकेश कुमार ने दुबई में फाजा विश्व रैंकिंग टूर्नामेंट में कंपाउंड व्यक्तिगत इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया था।
एक्सीडेंट ने बदल दी थी जिंदगी
साल 2009 में राकेश कुमार एक एक्सीडेंट का शिकार हो गए थे। जिसने उनकी जिंदगी बदल दी। शुरुआती दिनों में तो वह बहुत ज्यादा निराश रहने लगे थे। इतना ही नहीं उन्होंने तो अपनी जिंदगी तक समाप्त करने की कोशिश की थी। लेकिन जब खेलों के साथ उनका जुड़ाव हुआ तो उनकी जिंदगी को एक मकसद मिला।
साल 2009 में हुए एक्सीडेंट की वजह से राकेश कुमार के पैरों ने काम करना बंद कर दिया था। वो छह महीने तक बिस्तर में रहे थे। कई बार अपनी जान लेने की भी कोशिश की लेकिन परिजनों और दोस्तों ने उन्हें बचा लिया था।
बता दें कि राकेश कुमार ने भारतीय पैरालिंपिक के लिए क्वालिफाई कर इतिहास रचा है। साई मीडिया ने राकेश कुमार की तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया कि टोक्यो पैरालिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले पैरा तीरंदाज राकेश कुमार देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं और समाज के लिए प्रेरणा हैं।
तीरंदाज राकेश कुमार ने कई मौकों पर खुश को साबित किया है और देश का सर भी फक्र से ऊंचा किया है। टोक्यो पैरालंपिक में भी उनसे पदक की उम्मीदें की जा रही हैं। बता दें कि राकेश कुमार ने साल 2018 में इंडोनेशिया में हुए एशियन गेम्स में 10वां स्थान हासिल किया था। इसी साल उन्होंने चेक रिपब्लिक में हुए यूरोपियन आर्चीज वल्र्ड रैंकिंग टूर्नामेंट में टीम स्वर्ण पदक और साल 2019 में दुबई में 5वे फैजा कप ने कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा जून 2019 में उम्होंने नीदरलैंड में इंटरनेशनल प्रतियोगिता में चौथा स्थान पर रहे थे।