By रेनू तिवारी | Jul 19, 2025
उत्तराखंड गढ़वाल में काफी समय से तेज बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने कहा कि राज्य के पहाड़ी जिलों में भूस्खलन की घटनाएँ बढ़ सकती हैं और सभी को सतर्क रहने की सलाह दी। अपने नियमित बुलेटिन में, आईएमडी ने कहा कि अगले एक सप्ताह तक पूरे राज्य में भारी बारिश जारी रहेगी। मौसम विभाग ने राज्य के देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर जिलों में बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है।
वहीं ताजा जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के कुछ हिस्सों में रविवार को भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जताते हुए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया। मौसम विभाग ने शनिवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने बताया कि कुमाऊं क्षेत्र के नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर में रविवार को भारी बारिश होने की संभावना है। इसने गढ़वाल क्षेत्र के देहरादून, टिहरी और पौड़ी जिलों के साथ-साथ कुमाऊं के बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान किया है और इसके लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ भी जारी किया है।
मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर जिला प्रशासन को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने, मौके पर त्वरित कार्रवाई करने और आपात स्थिति में सूचनाओं के तुरंत आदान-प्रदान सहित आवश्यक सावधानियां बरतने के लिए कहा गया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के उपसचिव शिवशंकर मिश्रा द्वारा जिलाधिकारियों को जारी पत्र में कहा गया कि प्रत्येक पुलिस थाने और चौकी पर आपदा संबंधी उपकरण और वायरलेस सेट तैयार रखे जाएं।
पत्र के अनुसार, संबंधित आपदा प्रबंधन अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है, जबकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) औरकेंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) सहित विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी अवरोध की स्थिति में सड़क साफ करने का कार्य तुरंत शुरू किया जाए।
पत्र में कहा गया है कि सभी राजस्व पुलिस उपनिरीक्षकों, ग्राम विकास अधिकारियों और ग्राम पंचायत अधिकारियों को अपने-अपने स्थान पर रहने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया कि इस अवधि के दौरान किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का मोबाइल फोन बंद नहीं रहना चाहिए। पत्र में कहा गया कि मौसम खराब रहने या भारी बारिश के बीच हिमालय के ऊपरी इलाकों में पर्यटकों को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसमें कहा गया है कि भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में आवश्यक यांत्रिक उपकरण पहले से उपलब्ध कराए जाने चाहिए।