By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 13, 2025
कोडिन घटक वाले कफ सिरप के कुछ लाइसेंस धारकों को राहत प्रदान करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर अगली सुनवाई तक शुक्रवार को रोक लगा दी और सुनवाई की अगली तिथि 17 दिसंबर तय की।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज प्राथमिकियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अचल सचदेव की पीठ ने पारित किया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि यह मामला एनडीपीएस अधिनियम के तहत नहीं चलाया जाना चाहिए था क्योंकि कथित तौर पर जो घटक सिरप में पाए गए वे एनडीपीएस अधिनियम की धारा 2 (11) के तहत परिभाषित “विनिर्मित औषधि” नहीं थे।
उन्होंने कहा कि एनडीपीएस अधिनियम के तहत भारत सरकार द्वारा 1985 में जारी अधिसूचना के मुताबिक, जिस घटक को लेकर याचिकाकर्ताओं पर मुकदमा चलाया जा रहा है, वह सरकारी आदेश के उपबंध 35 के तहत आता है और उसके मुताबिक, वह घटक एक “विनिर्मित औषधि” नहीं था।
उन्होंने कहा कि यदि इन याचिकाकर्ताओं पर कोई मुकदमा चलाया जाना चाहिए था तो वह औषधि एवं कॉस्मेटिक्स अधिनियम, 1940 के तहत चलाया जाना चाहिए था ना कि एनडीपीएस अधिनियम के तहत।
अदालत ने कहा, “चूंकि याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा है कि सभी याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करने के इच्छुक हैं, इसलिए जांच जारी रह सकती है, लेकिन अगली सुनवाई तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।”
अदालत ने कहा, “यह कहने की जरूरत नहीं है कि जब भी उन्हें बुलाया जाएगा, वे निश्चित तौर पर जांच अधिकारी के समक्ष पेश होंगे। हमने याचिकाकर्ताओं के वकील के आश्वासन पर उक्त आदेश पारित किया है।