व्यायाम दर्द सहने की क्षमता बढ़ा सकता है: Research report

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 27, 2023

व्यायाम करने के कई फायदे हैं जिनमें मांसपेशियां मजबूत होना, बीमारी का खतरा कम होना और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होना शामिल है, लेकिन एक हालिया शोध में दावा किया गया है कि व्यायाम हमारी दर्द सहन करने की क्षमता को भी बढ़ा सकता है। ‘पीएलओएस वन’ नामक जर्नल में प्रकाशित शोध रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से व्यायाम करते हैं उनमें दर्द सहने की क्षमता उन लोगों की तुलना में अधिक होती है, जो ना के बराबर व्यायाम करते हैं। शोधकर्ताओं ने अपने शोध में ‘ट्रोमसो’ शोध में भाग लेने वाले 10,732 प्रतिभागियों के डेटा का इस्तेमाल किया।

नॉर्वे के ट्रोम्सो नामक स्थान पर हुए शोध में स्वास्थ्य और रोगों पर व्यापक अध्ययन किया गया था। इसमें शामिल प्रतिभागियों की उम्र 30 से 87 के बीच थी और इनमें आधे से थोड़ी ज्यादा महिलाएं थीं। प्रत्येक प्रतिभागी का आठ साल के अंतराल पर दो बार मूल्यांकन किया गया था। प्रत्येक मूल्यांकन के दौरान, उन्होंने अपनी शारीरिक गतिविधि के बारे में सवालों के जवाब दिए और ‘कोल्ड प्रेसर टेस्ट’ में भाग लिया। ‘कोल्ड प्रेसर टेस्ट’ दर्द सहने की क्षमता जानने के लिए किया जाता है। इसमें प्रतिभागियों को तीन डिग्री सेल्सियस तापमना वाले पानी में हाथ डालने के लिए कहा गया। जितनी ज्यादा देर तक उनके हाथ पानी में रहे, उनके दर्द सहने की क्षमता उतनी ही ज्यादा मानी गई। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो प्रतिभागी शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय थे, वे उतने ही लंबे समय तक पानी में अपना हाथ रख सकते थे।

वास्तव में, जिन लोगों को बहुत सक्रिय के रूप में वर्गीकृत किया गया था, उन्होंने 115.7 सेकंड तक पानी में हाथ डाले रखा जबकि सबसे कम सक्रिय प्रतिभागी 99.4 सेकंड तक ही ऐसा कर पाए। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि जो प्रतिभागी सक्रिय रहे या और भी सक्रिय हो गए, वे दूसरेपरीक्षण के दौरान निष्क्रिय रहने वालों की तुलना में औसतन बेहतर प्रदर्शन कर पाए। हालांकि, यह ध्यान देने योग्यबात है कि शोध के बीच के आठ वर्षों में, हर कोई दर्द सहने के मामले में पहले से कमजोर हो गया।मोटे तौर पर सभी प्रतिभागियों में यह परिवर्तन देखा गया, फिर चाहे वे ज्यादा आराम करने वाले लोग हों या फिर दौड़-भाग करने वाले।

लेकिन इस कमी के बावजूद शारीरिक रूप से सक्रिय प्रतिभागियों में निष्क्रिय लोगों की तुलना में दर्द सहने की क्षमता अधिक थी। यह पता नहीं चल पाया है कि लोगों में समय के साथ दर्द के प्रति सहनशीलता कम क्यों हो गई, हालांकि एक अंदाजा यह है कि उम्र बढ़ने के कारण ऐसा हो सकता है। इन परिणामों को देखते हुए यह अनुमान लगाना दिलचस्प है कि शारीरिक गतिविधि दर्द के प्रति सहनशीलता को कैसे प्रभावित कर सकती है। हमारे पास इस संबंध के बारे में पता लगाने के कुछ सुराग हैं, लेकिन अभी हमारे सामने पूरी तस्वीर साफ नहीं है।

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