फिर से शुरू हो पाकिस्तान से व्यापार संबंध, अमृतसर के व्यापारियों के लिए और क्या क्या है प्रमुख चुनावी मुद्दे ?

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 21, 2024

अमृतसर। अटारी-वाघा मार्ग के रास्ते पाकिस्तान के साथ फिर से व्यापार की शुरुआत करना अमृतसर के व्यापारियों और उद्योग जगत के लोगों के लिए एक प्रमुख चुनावी मुद्दा है। उनका कहना है कि सीमा पार व्यापार की नयी शुरुआत से किसानों, ट्रांसपोर्टर और मजदूरों को फायदा होगा। भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2019 में निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले तक दोनों देशों के बीच सड़क मार्ग से सालाना पांच हजार करोड़ रुपये का व्यापार होता था। व्यापारियों का कहना है कि पाकिस्तान के साथ फिर से व्यापार की शुरुआत करने से न सिर्फ अमृतसर की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। 


स्थानीय उद्योगों ने सभी बड़े राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को यह स्पष्ट कर दिया है कि अमृतसर की बेहतरी और विकास के लिए व्यापार की फिर से शुरुआत बेहद जरूरी है। पंजाब में अमृतसर सहित 13 लोकसभा सीट पर संसदीय चुनावों के आखिरी चरण में एक जून को मतदान होना है। अमृतसर के उद्योगपति राजदीप उप्पल ने कहा, सरकार को पाकिस्तान के साथ व्यापार फिर से शुरू करना चाहिए क्योंकि अमृतसर में किसी प्रकार का कोई निर्माण उद्योग नहीं है। 


उन्होंने कहा, भारत-पाकिस्तान व्यापार अमृतसर की अर्थव्यवस्था का स्तंभ था, जिससे न सिर्फ आर्थिक रूप से फायदा मिल रहा था बल्कि क्षेत्र में शांति कायम रखने के लिए विश्वास पैदा करने का भी यह सबसे बड़ा उपाय था। भारत और पाकिस्तान के बीच अटारी-वाघा सड़क मार्ग के रास्ते व्यापार 2019 से बंद है। हालांकि इस रास्ते से अफगानिस्तान से आयात अब भी जारी है। भारत ने फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान से आयात होने वाले सभी उत्पादों पर 200 प्रतिशत सीमा शुल्क लगा दिया था। 


वहीं, पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त किये जाने के मद्देनजर अगस्त 2019 में भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित कर दिया था। उप्पल ने पीटीआई- से कहा कि पाकिस्तान के साथ व्यापार फिर शुरू होने से सीमावर्ती जिले में एकीकृत जांच चौकी पर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि जब व्यापार पर प्रतिबंध नहीं था तब करीब 2500 पल्लेदारों (सामान उठाने वालों) को काम मिलता था। ठीक इसी तरह ट्रक चालकों को भी रोजगार मिलता था। उप्पल ने कहा कि प्रतिदिन 500 ट्रक आयात-निर्यात का कार्य करते थे। 


भारत आलू, टमाटर, अदरक, लहसुन सहित अन्य सब्जियों के साथ-साथ मसाले, सूती धागे, सोयाबीन का चूरा और टायर का निर्यात करता था जबकि पाकिस्तान से सूखे मेवे, सीमेंट, जिप्सम और सेंधा नमक का आयात करता था। उप्पल ने कहा कि पाकिस्तान के साथ व्यापार बहाल करने से न केवल व्यापार और उद्योग को लाभ होगा बल्कि किसानों को भी इससे लाभ मिलेगा क्योंकि उन्हें फिर से बाजार में अपना सामान ले जाने में मदद मिलेगी। 


उन्होंने कहा, हम अपने किसानों के बारे में बात करते हैं। पाकिस्तान हमारे किसानों के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक था। आलू, टमाटर, मटर और हर तरह की सब्जी का निर्यात किया जाता था। अगर किसी सब्जी की कमी होती थी तो उसे आयात भी किया जाता था। उपभोक्ता और किसान दोनों खुश थे। उप्पल ने जोर देकर कहा कि यह सभी के हित में है फिर चाहे वे व्यापारी हों, ट्रांसपोर्टर हों, किसान हों या फिर मजदूर, इसलिए व्यापार बहाल होना चाहिए।

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