By नीरज कुमार दुबे | May 02, 2025
लगता है कि भारत को पाकिस्तान के साथ-साथ बांग्लादेश का भी इलाज करना पड़ेगा। पाकिस्तान जहां भारत में सीमापार आतंकवाद फैला रहा है वहीं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख और उनके अधिकारी भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। हाल ही में अपनी चीन यात्रा के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर विवादित बयान दिया था तो अब उनकी सरकार से जुड़े एक सेवानिवृत्त बांग्लादेशी सेना अधिकारी ने चेतावनी दी है कि अगर भारत, पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान पर हमला करता है, तो बांग्लादेश को भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्जा कर लेना चाहिए। हम आपको बता दें कि मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ए.एल.एम. फजलुर रहमान बांग्लादेश राइफल्स (अब बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) के प्रमुख रह चुके हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सुझाव दिया कि बांग्लादेश को "चीन के साथ एक संयुक्त सैन्य प्रणाली पर चर्चा शुरू करनी चाहिए।" रहमान का यह बयान 29 अप्रैल को सामने आया। हम आपको बता दें कि 22 अप्रैल को कश्मीर में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में भी तनाव आया है, जिससे क्षेत्र की जटिल भू-राजनीतिक स्थिति सामने आई है।
हम आपको बता दें कि पिछले वर्ष अंतरिम सरकार ने फजलुर रहमान को एक सात सदस्यीय स्वतंत्र आयोग का प्रमुख नियुक्त किया था, जिसे 2009 के पिलखाना विद्रोह और हत्याकांड की पुनः जांच करनी थी। उस घटना में 74 लोग, जिनमें 57 सेना अधिकारी शामिल थे, मारे गए थे। दूसरी ओर, बांग्लादेशी अधिकारियों ने भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की रहमान की भड़काऊ टिप्पणियों से तुरंत दूरी बना ली है और स्पष्ट किया है कि ये विचार सरकार की आधिकारिक नीति का हिस्सा नहीं हैं।
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार कार्यालय के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा है कि बीडीआर आयोग के प्रमुख मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ए.एल.एम. फजलुर रहमान द्वारा की गई टिप्पणियां उनके व्यक्तिगत विचार हैं। उन्होंने कहा, "अंतरिम सरकार किसी भी रूप में उनके विचारों से सहमत नहीं है और न ही ऐसी बयानबाजी का समर्थन करती है। बांग्लादेश सभी देशों की संप्रभुता और स्वतंत्रता का सम्मान करता है और दूसरों से भी यही अपेक्षा रखता है। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि मेजर जनरल फजलुर रहमान की व्यक्तिगत टिप्पणियों के संदर्भ में बांग्लादेश सरकार को न घसीटें।"
दूसरी ओर, भारत के पूर्वोत्तर हिस्से का उल्लेख किए जाने पर भारतीय अधिकारियों और विश्लेषकों ने इसकी मंशा और महत्व पर सवाल उठाए हैं, खासकर ऐसे समय में जब चीन की दक्षिण एशिया में रणनीतिक दिलचस्पी और भारत की सीमाओं के पास अधोसंरचना विकास का काम तेजी से बढ़ रहा है।
हम आपको यह भी बता दें कि रहमान का यह बयान उस समय आया जब कुछ सप्ताह पहले मुहम्मद यूनुस ने चीन की यात्रा की थी, जहां उन्होंने बीजिंग को बांग्लादेश में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के संदर्भ में विवादित बयान दिया था। यूनुस ने बांग्लादेश को क्षेत्र के लिए "समुद्र का एकमात्र रक्षक" बताया था और चीन के आर्थिक विस्तार के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में प्रस्तुत किया था जिसमें नेपाल और भूटान की जलविद्युत संपत्तियों तक पहुंच भी शामिल है। यूनुस ने चीन के साथ कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे और इस संबंध को 'एक नए चरण' में प्रवेश करने वाला बताया था साथ ही भारत के मुकाबले चीन को एक अच्छे मित्र और संतुलन कारक के रूप में देखने की आवश्यकता पर बल दिया था।
हम आपको यह भी बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि भारत को पाकिस्तान के साथ-साथ बांग्लादेश के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। रविवार को एक आधिकारिक समारोह के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत में सरमा ने कहा, “भारत को बांग्लादेश के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन ये रणनीतिक फैसले हैं और हमें एक सीमा से आगे नहीं जाना चाहिए।” उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार ऐसे उपायों पर सक्रियता से विचार कर रही होगी। सरमा ने कहा, “एक मुख्यमंत्री के नाते हम अनुरोध कर सकते हैं लेकिन फैसला भारत सरकार पूरे सुरक्षा पहलू पर विचार करने के बाद लेगी कि आप पाकिस्तान और बांग्लादेश से एक साथ निपटेंगे या अलग-अलग।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निर्णय केन्द्र सरकार द्वारा लिया जाएगा, लेकिन वे पूर्वोत्तर के अन्य राजनीतिक नेताओं की भावना से सहमत हैं जो बांग्लादेश के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा रखना चाहिए और लोगों को विशेषज्ञ टिप्पणियों से बचना चाहिए।”
बहरहाल, बांग्लादेश के नेता पूर्वोत्तर के बारे में भले ख्याली पुलाव पकाते रहें, उन्हें यह पता होना चाहिए कि जो भारत अपने शौर्य और पराक्रम से बांग्लादेश का गठन करवा सकता है वह अपने एक ही वार से बांग्लादेश के टुकड़े भी कर सकता है। बांग्लादेशियों की ओर से घुसपैठ रोकने के लिए हमारे सुरक्षा बल भी पूरी तरह सतर्क हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि मेघालय सीमांत में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ के जवान हाई अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ सभी एहतियाती कदम उठा रही है। मेघालय सीमांत के महानिरीक्षक ओपी उपाध्याय ने बताया, "पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर हम पूरी तरह तैयार हैं और पिछले साल बांग्लादेश में विद्रोह के बाद से ही हमारे जवान सीमा पर हाई अलर्ट पर हैं।" उन्होंने कहा, "किसी भी संभावित घटना के मामले में हम पूरी तरह तैयार हैं और हमारे जवान हर समय सतर्क हैं। हम सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं।"