By अंकित सिंह | Sep 11, 2020
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामला अब राजनीतिक मामला बनता जा रहा है। रिया की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कई तरह के नए खुलासे भी सामने आए है। लगातार सुशांत मामले में रिया चक्रवर्ती को मुख्य आरोपी माना जा रहा है। उधर, बिहार में भी सुशांत के परिवार की ओर से इस मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर में रिया चक्रवर्ती को ही मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। इन सबके बीच ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती को एनसीबी ने गिरफ्तार कर लिया था। आज उनकी जमानत याचिका को मुंबई की एक विशेष अदालत ने खारिज कर दिया। इसका मतलब साफ है कि अभी रिया चक्रवर्ती 22 सितंबर तक जेल में ही रहेंगी लेकिन अब इस मामले में राजनीति तेज हो गई है।
अधीर रंजन ने अपने ट्वीट के जरिए यह भी कहा कि रिया चक्रवर्ती के पिता सेना के पूर्व अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने कई वर्षों तक देश की सेवा की है। लेकिन अब वह अपने दो बच्चों को न्याय नहीं दिला पा रहे हैं। रिया के पिता भी बच्चों के लिए न्याय मांगने के हकदार हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मीडिया ट्रायल हमारी न्यायिक प्रणाली के लिए खराब हिस्सा है। सभी को न्याय मिले यही हमारे संविधान का मूल सिद्धांत है। अधीर रंजन चौधरी ने रिया की गिरफ्तारी को भयावह करार दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि रिया चक्रवर्ती ने ना तो किसी को आत्महत्या या हत्या के लिए उकसाया है और ना ही कोई आर्थिक अपराध किया है। उन्हें एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है वह भी राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए।
चुनाव से पहले अधीर रंजन को बंगाल में कमान सौंपकर कांग्रेस ने एक साथ दो निशाने साधे है। कांग्रेस खुद को लड़ते हुए दिखाना चाहती है। कांग्रेस ने साफ तौर पर कह दिया है कि बंगाल में कांग्रेस की लड़ाई भाजपा के साथ-साथ ममता बनर्जी की टीएमसी से भी है। इसके अलावा कांग्रेस ने राहुल विरोधियों को यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि उनके समर्थकों को जिम्मेदारी और महत्व मिलता रहेगा। अब जब अधीर रंजन चौधरी ने रिया चक्रवर्ती के मामले में जिस तरीके के ट्वीट किए हैं उसके बाद ऐसा लगता है कि यह मामला बिहार बनाम बंगाल ना बन जाए। बिहार में इस साल चुनाव है। ऐसे में सुशांत सिंह राजपूत मौत मामला अब राजनीतिक बनता जा रहा है। बंगाल में भी अगले साल चुनाव है। ऐसे में वहां भी रिया चक्रवर्ती के पक्ष में आवाजें उठने शुरू हो गई हैं।