विश्व भारती यूनिवर्सिटी में बवाल, अधिकारियों ने सीबीआई जांच, केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की मांग की

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 19, 2020

शांतिनिकेतन। विश्व भारती विश्वविद्यालय ने मंगलवार को परिसर में गत 17 अगस्त को हुई हिंसा की सीबीआई जांच की मांग की, जिसके लिए उसने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक और कुछ अन्य नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। इसने साथ ही एक बयान जारी कर कहा कि विश्व भारती तब तक बंद रहेगा, जब तक परिसर में हुई हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती। विश्व भारती के अधिकारियों ने परिसर में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग करने का फैसला किया है। संस्थान के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में तोड़फोड़ के मामले ने उस समय राजनीतिक घमासान का रूप ले लिया, जब तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों और केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी। पौष मेला मैदान में चारदीवारी के निर्माण के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के बाद विश्व भारती विश्वविद्यालय को सोमवार को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया था।

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वहीं, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विश्वविद्यालय अधिकारियों द्वारा तृणमूल कांग्रेस के विधायक नरेश बाउरी को हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता बताए जाने को लेकर चिंता जतायी। उन्होंने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा कि विश्व भारती परिसर में तोड़फोड़ की घटना से उनका सिर शर्म से झुक गया है।’’ इसके साथ ही उन्होंने ममता से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शांतिनिकेतन में भय का माहौल है और केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिकारी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि शांति निकेतन बंगालियों का सार और गौरव तथा संतोष व प्रेरणा का स्रोत है। इस जगह की हर यात्रा के बाद मैं काफी उत्साहित और ऊर्जावान महसूस करता हूं। धनखड़ ने अपने तीखे पत्र में कहा, ‘‘कैसी विडंबना है! हम इसे गुंडों से नहीं बचा सके, जिन्होंने पुलिस और प्रशासन के डर के बिना भारी तोड़फोड़ की... विश्व स्तर पर प्रशंसित संस्थान में तोड़फोड़ की।’’ वहीं, बीरभूम जिले के तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को सोमवार की हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह के अनुसार हिंसा के सिलसिले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। विश्वविद्यालय ने विधायक एवं विश्व भारती के पूर्व छात्र नरेश बाउरी और तृणमूल कांग्रेस के दो अन्य नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है जोकि हिंसा के समय मौके पर मौजूद थे। विधायक नरेश बाउरी ने कहा कि वह पार्टी नेता के रूप में नहीं बल्कि संस्थान के एक पूर्व छात्र के रूप में वहां गये थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने भी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर बिद्युत चक्रबर्ती और अन्य अधिकारियों को हिंसा का जिम्मेदार ठहराते हुए शिकायत दी है। विश्वविद्यालय ने शिकायतों को झूठा करार देते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। इस बीच, पुलिस ने कहा कि उसे दोनों पक्षों की ओर से शिकायतें मिली हैं और इनकी जांच कर रहे हैं। इसके सदस्यों में से एक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कार्यकारी परिषद (विश्वविद्यालय की) ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि परिसर में सुरक्षा मुद्दों से निपटने के लिए किसी केन्द्रीय सुरक्षा बल की तैनाती के उद्देश्य से माननीय कुलाधिपति (प्रधानमंत्री) को पत्र लिखा जाएगा।’’ उधर, संस्थान के एक वरिष्ठ प्राध्यापक ने आरोप लगाया कि बदमाशों के एक समूह ने मंगलवार को उनके घर में तोड़फोड़ की। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष बिप्लव लोहचौधरी ने कहा कि उन्होंने इस सबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है तथा रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर इस घटना से उन्हें अवगत कराया है। वीरभूम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी है और मामले की जांच की जा रही है। प्राध्यापक ने कहा, ‘‘उन लोगों ने दरवाजा खोल लिया, खिड़कियां तोड़ दीं और मुझे गालियां दीं। पौष मेला मैदान के चारों तरफ दीवार बनाने के विश्वविद्यालय के निर्णय का समर्थन करने के कारण उन लोगों ने मेरे घर पर हमला किया और अपशब्द कहे।’’ जिले के अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में तनाव था क्योंकि इस वर्ष के पौष मेला को रद्द करने संबंधी विश्वविद्यालय के फैसले से स्थानीय व्यापारी नाराज थे। तनाव उस समय और बढ़ गया जब सोमवार को मैदान में चारदीवारी का निर्माण कार्य शुरू हुआ। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने निर्माण उपकरणों में तोड़फोड़ की और मुख्य द्वार को तोड़ दिया। तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हिंसा की निंदा की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह मैदान पर किसी भी निर्माण के खिलाफ है और उन्होंने संबंधित पक्षों की एक बैठक बुलाने के जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता विश्व भारती की जमीन को हथियाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।


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