By अभिनय आकाश | Mar 10, 2022
यूक्रेन युद्ध के 14 दिन बार ऐसा लग रहा है कि दोनों देशों के बीच चल रही लड़ाई खत्म हो सकती है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि यूक्रेन की सरकार रूस के सामने झुक सकती है। पुतिन की चार शर्तों पर जेलेंस्की के तेवर बदले नजर आ रहे हैं। जिस बात से सदी की सबसे विध्वंसक जंग की शुरुआत हुई। जेलेंस्की का स्टैंड उसी मुद्दे पर बदला-बदला नजर आ रहा है। बीते दिन जेलेंस्की ने कई ऐसे संकेत दिए हैं। जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के लिए नाटो की सदस्यता पर जोर नहीं देंगे। इसके साथ ही यूक्रेन के दो क्षेत्र डोनेत्स्क और लुहांस्क पर भी समझौता करने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं।
नाटो और अलगाववादी क्षेत्रों पर बदला स्टैंड
एबीसी को दिए एक इंटरव्यू में जेलेंस्की से पूछा गया कि रूस की नेटो में न शामिल होने की मांग पर वो क्या कहते हैं? इस पर ज़ेलेंस्की ने कहा, "मैं बातचीत के लिए तैयार हूँ. जब हमें समझ आ गया कि नेटो हमें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है, इसके बाद मैं काफ़ी पहले ही इस सवाल को पीछे छोड़ चुका था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ज़ेलेंस्की ने कहा कि उनके दरवाज़े बातचीत के लिए पूरी तरह खुले हुए हैं।
क्या थी पुतिन की चार शर्तें
लड़ना छोड़ यूक्रेन की फौज हथियार डाल दे- रूस की सरकार ने अपनी पहली शर्तें में कहा है कि यूक्रेन तुरंत अपनी सैन्य कार्रवाई बंद कर दे। क्रिमलिन के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम यूक्रेन में अपनी सैन्य कार्रवाई रोक देंगे लेकिन इसके लिए यूक्रेन की सेना को रूस के खिलाफ अपनी कार्रवाई बंद करनी होगी।
संविधान में बदलाव- यूक्रेन अपने संविधान में संशोधन करके इस प्रस्तावना को जोड़ता है कि वो कभी भी नाटो देशों को ज्वाइन नहीं करेगा तो रूस इस युद्ध को रोकने में जरा भी देर नहीं लगाएगा।
क्रीमिया रूस का हिस्सा- यूक्रेन क्रीमिया को रूसी हिस्से के रूप में मान्यता दे। बता दें कि क्रीमिया कभी रूस का ही हिस्सा हुआ करता था। लेकिन 1954 में तत्कालीन सोवियत संघ के नेता खुर्सेव ने इसे यूक्रेन को तोहफे में दे दिया था। मार्च 2014 में रूस ने हमला कर वापस क्रीमिया को अपने में मिला लिया।
दोनियस्क और लुहांस्क होंगे स्वतंत्र देश- यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में पड़ने वाले दोनियस्क और लुहांस्क के इलाकों को 2014 में अलगाववादियों ने स्वतंत्र देश घोषित कर दिया था। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध शुरू करने से पहले ही 15 फरवरी को रूसी संसद ने व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन के इन इलाकों को अलग देश का मान्यता देने का प्रस्ताव भेजा और 21 फरवरी को पुतिन ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए।