By सत्य प्रकाश | Aug 10, 2021
अयोध्या। राम जन्मभूमि आंदोलन के अगुवा व दिगम्बर अखाड़ा के महंत दिवंगत रामचंद्र परमहंस दास की 18वीं पुण्यतिथि पर संतों ने उनके समाधि स्थल पहुंच कर श्रद्धांजलि दी। तो इस दौरान संतों ने सरयू तट स्थित इस समाधि स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने की मांग की है।
दिगंबर अखाड़ा के महंत परमहंस दास के पुण्य तिथि पर सरयू तट पर स्थित समाधि स्थल पर संतों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि सभा करते में सरयू तट स्थित समाधि स्थल को विकसित करने की मांग केंद्र व प्रदेश सरकार की है। पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती ने दौरान कहा कि महंत रामचंद्र परमहंस दास ने राम जन्मभूमि की लड़ाई लड़ी थी और उन्ही के नेतृत्व में ही विवादित ढांचा गिराया गया। जिसके बाद आज भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। आज यहां पर आने के बाद याद आया कि जब 18 वर्ष पहले परमहंस दास की चिता जल रही थी तो उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी यहां पर आए थे और कहा था कि एक ना एक दिन हम सभी को जाना है लेकिन हमारे पार्टी में एक ऐसा नेता आएगा जो भगवान के इस भव्य मंदिर निर्माण कार्य को पूरा करेगा और बात दिन आ गया जब 9 नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया कि जिस स्थान पर रामलला विराजमान एवं राम जन्मभूमि है तो उनकी बातें सत्य साबित हुई आज उस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। अयोध्या के विकास को लेकर भी कार्य किए जा रहे हैं वहीं केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि भव्य मंदिर निर्माण के साथ सरयू तक स्थित महंत परमहंस दास की समाधि स्थल को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए जिससे यहां पर आने वाले श्रद्धालु अपना मन शांत करने के लिए इस स्थल पर पहुंचे।