By अंकित सिंह | Dec 03, 2025
केंद्र सरकार ने बुधवार को देश में बिकने वाले स्मार्टफोन्स में संचार साथी साइबर सुरक्षा ऐप को पहले से इंस्टॉल करने संबंधी आदेश को रद्द कर दिया। यह फैसला संसद में ऐप से जुड़ी गोपनीयता संबंधी चिंताओं पर चल रही बहस के बीच आया है। इससे पहले एक सरकारी आदेश में फोन निर्माताओं को अपने डिवाइस में संचार साथी ऐप को पहले से इंस्टॉल करने और पुराने फोन को अपडेट करने का आदेश दिया गया था।
कई विपक्षी सदस्यों ने इस कदम की आलोचना की है और कहा है कि इससे सरकारी निगरानी और व्यक्तिगत संचार में घुसपैठ की संभावना बढ़ जाएगी। सरकार के अनुसार, यह ऐप केवल उपयोगकर्ताओं को साइबर धोखाधड़ी से बचाने, दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों की रिपोर्ट करने में उनकी सहायता करने और साइबर अपराध से निपटने में सार्वजनिक भागीदारी या जनभागीदारी को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
बयान के अनुसार कि सिर्फ पिछले एक दिन में, छह लाख नागरिकों ने ऐप डाउनलोड करने के लिए पंजीकरण कराया है। यह इसके उपयोग में 10 गुना वृद्धि है। संचार साथी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, सरकार ने मोबाइल विनिर्माताओं के लिए इसे पहले से ‘इंस्टॉल’ करना अनिवार्य नहीं करने का फैसला किया है। दूरसंचार विभाग ने 28 नवंबर के आदेश में, स्मार्टफोन विनिर्माताओं को सभी नए मोबाइल फोन में ऐप को पहले से लगाने और पुराने मोबाइल फोन में इसे अद्यतन करने का निर्देश दिया था। इस आदेश को लेकर विवाद खड़ा हो गया। विपक्षी नेताओं ने इससे जासूसी की चिंता जताई। उनका कहना है कि यह ऐप कॉल सुन सकता है और संदेशों की निगरानी कर सकता है।