By प्रेस विज्ञपति | Dec 18, 2025
वेदों की मूल संस्कृत भाषा भारतीय ज्ञान परम्परा का मुख्य आधार है। सम्पूर्ण ज्ञान विज्ञान संस्कृत ग्रन्थों में ही निबद्ध है। वर्तमान सरकार भी भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण हेतु कटिबद्ध है अतः भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 में संस्कृत व संस्कृत में निबद्ध भारतीय ज्ञान के प्रचार-प्रसार हेतु विशेष महत्व दिया है। संस्कृतभारती एक सामाजिक संगठन है जो न केवल भारत में अपितु विश्व के 28 देशों में संस्कृत के संरक्षण व प्रचार प्रसार हेतु कार्य कर रहा है।
संस्कृतभारती के द्वारा विदेशों एवं भारत के विभिन्न राज्यों में संस्कृत सम्भाषण के प्रशिक्षण हेतु शिविरों का आयोजन किया जाता है। जिनमें भाग लेने वाले शिक्षार्थी मात्र दस दिन में ही संस्कृत बोलने व लिखने में समर्थ होने लगते हैं। संस्कृतभारती हरियाणा के प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन शर्मा ने कैथल के कार्यकर्ताओं को टीक में सम्बोधित करते हुए जानकारी दी कि इस बार यह संस्कृत प्रबोधन वर्ग रेवाड़ी के सनग्लो इण्टरनेशनल स्कूल में 02 जनवरी से 10 जनवरी 2026 तक आयोजन किया जा रहा है। इस प्रबोधन वर्ग में हरियाणा के अम्बाला, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, करनाल, पानीपत, कैथल, हिसार, गुरुग्राम, सिरसा इत्यादि 22 जिलों के विद्यालयों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों से छात्र-छात्राएं भाग लेंगे।
संस्कृतभारती हरियाणा के प्रान्ताध्यक्ष डॉ. सोमेश्वर दत्त ने बताया कि इन संस्कृत प्रशिक्षण शिविरों की विशेषता यह है कि ये शिविर शीतकालीन अवकाशों में आयोजित किए जाते हैं ताकि विद्यार्थियों के अवकाशों का भी सदुपयोग हो। शिविर में प्रात: से लेकर शाम तक संस्कृतमय वातावरण रहता है। व्यावहारिक संस्कृत व्याकरण का ज्ञान भी दिया जाता है तथा इनमें भाग लेने वाला संस्कृत प्रेमी मात्र कुछ दिन के संस्कृत अभ्यास से ही संस्कृत में बोलने में समर्थ हो जाता है व उसके संस्कृत लेखन कौशल का विकास होता है। प्रतिभागी में संस्कृत के प्रति रुचि जागृत होती है जिसके कारण भारतीय ज्ञान परम्परा सम्बद्ध ज्ञान को आत्मसात करने हेतु शास्त्रों के पठन-पाठन में विशेष लाभ मिलता है।
प्रान्तमन्त्री प्रमोद शास्त्री ने बताया कि शिविर में सहमन्त्री ईशमसिंह,भूपेन्द्र, पुष्पेन्द्र आत्रेय,संस्कृत सेवक अजयशास्त्री, गुरजीत शास्त्री, प्रचार प्रमुख सतेन्द्र, सुरेन्द्र शास्त्री इत्यादि प्रशिक्षक के रूप में अपने दायित्व का निर्वाह करेंगे। इस संस्कृत शिविर में गुरुग्राम विभाग संयोजक प्रवेश कौशिक व्यवस्था प्रमुख के रूप में रहेंगे।