By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 05, 2024
नयी दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉण्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने का सोमवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया। पिछले महीने अपने फैसले में, उच्चतम न्यायालय ने एसबीआई को छह मार्च तक निर्वाचन आयोग को विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। उच्चतम न्यायालय के समक्ष दायर एक आवेदन में, एसबीआई ने दलील दी कि ‘‘प्रत्येक साइलो’’ से जानकारी फिर से प्राप्त करना और एक ‘साइलो’ की जानकारी को दूसरे से मिलाने की प्रक्रिया में समय लगेगा।
शीर्ष अदालत ने एसबीआई को विवरण साझा करने का भी निर्देश दिया था, जिसमें प्रत्येक चुनावी बॉण्ड की खरीद की तारीख, बॉण्ड के खरीदार का नाम और खरीदे गए चुनावी बॉण्ड का मूल्य शामिल हो।’’ याचिका में कहा गया है कि चुनावी बॉण्ड को ‘‘डिकोड करना’’ और दानकर्ताओं द्वारा दिए गए दान का मिलान करना एक जटिल प्रक्रिया होगी। उच्चतम न्यायालय ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में राजनीति के वित्तपोषण के लिए लाई गई चुनावी बॉण्ड योजना को ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए निरस्त कर दिया था तथा चंदा देने वालों, बॉण्ड के मूल्यों और उनके प्राप्तकर्ताओं की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।
लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अपने फैसले में, शीर्ष अदालत ने एसबीआई को छह साल पुरानी योजना में दानकर्ताओं के नामों का निर्वाचन आयोग को खुलासा करने का आदेश दिया था। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने निर्देश दिया था कि एसबीआई को राजनीतिक दलों द्वारा भुगतान कराए गए सभी चुनावी बॉण्ड का ब्योरा देना होगा। इसने कहा कि इस ब्योरे में यह भी शामिल होना चाहिए कि किस तारीख को यह बॉण्ड भुनाया गया और इसकी राशि कितनी थी। साथ ही पूरा विवरण छह मार्च तक निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश किया जाना चाहिए।