J&K मामले में SC ने का आदेश, एक हफ्ते के भीतर सभी पाबंदियों की समीक्षा करे सरकार

By अनुराग गुप्ता | Jan 10, 2020

नयी दिल्ली। जम्मू कश्मीर से धारा 370 के अधिकतम प्रावधान समाप्त किए जाने के बाद सरकार द्वारा लगाए प्रतिबंध के खिलाफ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने बहुत हिंसा देखी है। 

फैसले की बड़ी बातें:

  • सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत इंटरनेट के इस्तेमाल को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी।
  • कोर्ट ने कहा कि मजिस्ट्रेट को निषेधाज्ञा जारी करते समय इसपर विचार करना चाहिए और आनुपातिकता के सिद्धांत का पालन करना चाहिए।
  • धारा 144 लगाते समय भी गहराई से विचार किया जाना चाहिए।
  • सरकार को कोई भी आदेश देने से पहले संतुलन बनाना चाहिए।
  • कोर्ट ने कहा कि सरकार अपने सभी आदेशों की एक हफ्ते के भीतर समीक्षा करे।
  • सरकार अपने सभी आदेशों को दोबारा देखे और गैरजरूरी आदेशों को वापस ले सरकार।  
  • इंटरनेट को पूरी तरह से बैन करना सख्त कदम है। एक तय समयसीमा के लिए रोक लगनी चाहिए।
  • स्वतंत्रता और सुरक्षा में संतुलन जरूरी है। इंटरनेट की जरूरत को नकारा नहीं जा सकता।

प्रमुख खबरें

550 अरब रुपये का बकाया, पाई पाई वसूलने की शुरू हुई कार्रवाई, जिनपिंग ने शहबाज को दिया अल्टीमेटम

मुसलमानों के लिए बरकरार रखेंगे 4% आरक्षण, Andhra Pradesh में BJP की सहयोगी TDP का बड़ा ऐलान

Jammu Kashmir: आतंकवादी संगठन से जुड़ने जा रहा था युवक, पुलिस ने मौके पर ही धड़ दोबाचा

पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक एजेंडा, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज