Sikkim Elections 2024: सिक्किम में एक बार फिर सत्ता में आने के लिए तैयार है SDF, 24 सालों तक कायम रहा चामलिंग का दबदबा

By अनन्या मिश्रा | May 03, 2024

सिक्किम में लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है। तिब्बत, नेपाल, चीन और भूटान की सीमा से सटे इस राज्य में 32 विधानसभा की सीटें हैं। सिक्किम पर ना तो भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है और ना ही कांग्रेस का दबदबा है। हांलाकि हर चुनाव में दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां अपना पूरा दमखम लगाती हैं। लेकिन पिछले कई सालों के विधानसभा या लोकसभा चुनाव के नतीजे देखे जाएं, तो क्षेत्रीय दलों पर जनता ने अधिक विश्वास जताया है। 


क्षेत्रीय दलों में राज्य की जनता ने सबसे ज्यादा बार सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पर ज्यादा भरोसा जताया है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि देशभर में चलने वाला पीएम मोदी का जलवा सिक्किम में आकर फीका पड़ गया। आइए जानते हैं कि सिक्किम में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट का क्या इतिहास रहा है।

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सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट

आपको बता दें कि 12 दिसंबर 1994 से लेकर 23 मई 2019 तक राज्य में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पार्टी सत्तारूढ़ थी। साल 1993 में पवन कुमार चामलिंग ने पार्टी की स्थापना की थी। साल 1994 से 2019 तक राज्य में पार्टी का शासन करने के साथ पवन कुमार चामलिंग राज्य के मुख्यमंत्री बने। वहीं साल 1994 और 2004 के राज्य चुनावों में पार्टी ने जीत हासिल कर अपनी स्थिति को मजबूत किया था। साल 2004 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 32 सीटों में से 31 सीटों पर जीत हासिल की थी।


वहीं साल 2009 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने राज्य की सभी 32 सीटों पर जीत हासिल कर क्लीन स्वीप कर दिया था। इसके अलावा साल 2014 के विधानसभा चुनाव में एसडीएफ ने 22 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता बरकरार रखी थी। मई 2016 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए ने असम राज्य में पहली बार सरकार बनाने के बाद नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) नामक नया गठबंधन बनाया। जिसके बाद सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट एनडीए के नेतृत्व वाले एनईडीए में शामिल हो गया।


साल 2019 के विधानसभा चुनाव में पवन कुमार चामलिंग के नेतृत्व वाली सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद पवन कुमार चामलिंग ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इस दौरान पार्टी सिर्फ 15 सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी, जबकि राज्य में सरकार बनाने के लिए 17 सीटों की आवश्यकता होती है। ऐसे में एक बार फिर सिक्किम विधानसभा चुनाव में एसडीएफ सत्ता में आने की भरपूर कोशिश कर रही है।

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