By अभिनय आकाश | Dec 15, 2025
सीरिया में इस्लामिक स्टेट एक बार फिर खतरनाक तरीके से सक्रिय होता दिख रहा है। मध्य सीरिया के ऐतिहासिक शहर पलमायरा में शनिवार को आईएसआईएस के एक हमलावर ने अमेकी सैनिकों को निशाना बनाकर हमला किया। इस हमले में दो अमेरिकी सैनिकों और एक अमे नागरिक की मौत हो गई। जबकि तीन अन्य अमेरिकी सैनिक घायल हो गए। यह हमला उस वक्त हुआ जब अमेरिकी सैनिक आईएसआईएस के खिलाफ चल रहे अभियानों से जुड़ी एक बैठक में शामिल थे। मौके पर मौजूद सीआई सुरक्षा बलों ने हमलावर को मार गिराया लेकिन तब तक भारी नुकसान हो चुका था।
इस्लामिक स्टेट के खिलाफ ऑपरेशन का हिस्सा रहे दो अमेरिकी सैनिकों समेत तीन लोगों की मौत के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त रुख अपनाया है। अमेरिकी सैनिकों की सीरिया में आतंकी हमले के दौरान जान चली गई। इसके बाद ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा है कि बहुत गंभीर बदला लिया जाएगा। ट्रंप ने सोशल पोस्ट में कहा कि हम सीरिया में तीन अमेरिकी देशभक्तों की मौत पर दुख जताते हैं, जिनमें दो सैनिक और एक सिविलियन इंटरप्रेटर शामिल हैं। इसी तरह, हम तीन घायल सैनिकों के लिए प्रार्थना करते हैं, जिनके बारे में अभी पुष्टि हुई है कि वे ठीक हैं। यह अमेरिका और सीरिया पर आईएसआईएस का हमला था। सीरियाई सरकारी समाचार एजेंसी सना के अनुसार, सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका ने पलमायरा में खतरे की चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया, जहां यह हमला हुआ।
हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का गुस्सा साफ नजर आया। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा कि यह हमला सिर्फ अमेरिका पर नहीं बल्कि सीरिया पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और बहुत कड़ा बदला लिया जाएगा। ट्रंप ने यह भी बताया कि सीरिया के नए अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल शरा इस हमले से बेहद दुखी और नाराज हैं। ट्रंप के मुताबिक घायल अमेरिकी सैनिकों की हालत में अब सुधार है।
आईएसआईएस को 2019 में क्षेत्रीय रूप से हरा दिया गया था। लेकिन यह हमला एक बार फिर दिखाता है कि संगठन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। खुफिया आकलनों के अनुसार आईएसआईएस के स्लीपर सेल अब भी सीरिया और इराक में सक्रिय हैं। माना जाता है कि संगठन के पास अब भी 5000 से 7000 लड़ाके मौजूद हैं जो मौके की तलाश में रहते हैं और कमजोर सुरक्षा हालात का फायदा उठाते हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि हमला करने वाला व्यक्ति सीआई सुरक्षा बलों का ही सदस्य था जिसे उसके चरमपंथी झुकाव के कारण हटाया जा रहा था।