Myanmar में सोरोस के बेटे की सीक्रेट मीटिंग, अचानक PM मोदी के दौरे से पहले मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?

By अभिनय आकाश | Sep 12, 2025

भारत से सटे म्यांमार के इलाके में एक होटल के कमरे में बैठे एलेंक्जेंडर सोरोस की एक तस्वीर वायरल हुई है। एलेंक्जेंडर जार्ज सोरोस के बेटे है, जिन्हें वर्तमान में जार्ज ने अपने कारोबार का सारा जिम्मा सौंप रखा है। एलेंक्जेंडर सोरोस भारत से सटे म्यांमार से पहले वो तीन दिन पहले मलेशिया का दौरा करके आए हैं। मणिपुर से सटे म्यांमार के इलाके में जार्ज सोरोस के बेटे की एंट्री के साथ ही मणिपुर में हिंसा की खबरें भी आने लगी है। पीएम मोदी के मणिपुर दौरे के दो दिन पहले राज्य में फिर से हिंसा भड़क गई। पीएम 13 सितंबर को मणिपुर आ रहे हैं। 2023 से राज्य में चल रहे संघर्ष के बाद पीएम का ये पहला मणिपुर दौरा होगा। इस दौरे से पहले 11 सितंबर की देर रात उपद्रवियों ने पीएम मोदी के स्वागत में लगे पोस्टर-बैनर फाड़ दिए। बैरिकेडिंग गिरा दी और उसमें आग लगा दी। यह घटना चुराचांदपुर के पियर्सनमुन इलाके में हुई, जो बीएसएफ सुविधा केंद्र के पास है, जहाँ प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरने वाला है। प्रधानमंत्री की प्रस्तावित यात्रा के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, उनके बीएसएफ सुविधा केंद्र से कार्यक्रम स्थल पीस ग्राउंड तक सड़क मार्ग से लगभग 5 किलोमीटर की यात्रा करने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि यहां पीएम मोदी सात हजार 300 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यांस करने वाले हैं। 

इसे भी पढ़ें: इस रिपोर्ट ने केंद्र और राज्यों के मंत्रियों में मचा दिया हड़कंप, 302 मिनिस्टर्स की जाएगी कुर्सी?

इसके बाद पीएम मोदी इंफाल के पास आएंगे तो मैतई बहुल इलाका है। वहां एक हजार 500 करोड़ की योजनाओं का उद्धघाटन करेंगे। ये सब मणिपुर के लोगों के लिए है। तरह तरह की मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सड़क पर वह यात्रा करने वाले हैं, उस पूरे हिस्से को अलग-अलग रंगों के झंडों से सजाया गया है, और सड़क के कई हिस्सों को बाँस के तख्तों पर कपड़े से घेरा गया है। मणिपुर में अच्छे अस्पताल बने और वहां के बच्चे अच्छे से पढ़े। एक तरह से मरहम लगाने वाली सारी योजनाएं हैं। जो भी शिकायतें थी उसे दूर किया जा रहा है। हालाँकि, 11 सितंबर की देर रात चुराचांदपुर से आई तस्वीरों में कुछ लोगों का एक समूह इन तख्तों को फाड़ते, आगजनी करते और फिर पुलिस से भिड़ते हुए दिखाई दे रहा है, जिन्होंने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि घटना पर देर रात नियंत्रण पा लिया गया और इससे हुई क्षति मामूली थी। यह घटना शहर में पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और असम राइफल्स सहित सुरक्षा बलों की बड़े पैमाने पर तैनाती के बीच हुई। मणिपुर के पुलिस प्रमुख सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए दिन में पहले ही शहर में मौजूद थे।

इसे भी पढ़ें: Gen Z revolution in Nepal: नेपाली संसद के सामने सरकार VS GenZ, फेसबुक-X-यूट्यूब को लेकर युवाओं ने क्यों बवाल काट दिया?

आप इतिहास उठाकर देंखें तो पाएंगे कि कोई भी ऐसा प्रधानमंत्री जब पूर्वोत्तर का कोई राज्य अशांत था, वहां का दौरा किया हो। वर्तमान समय में राहुल गांधी ने कितनी बार सवाल उठाए कि पीएम मोदी मणिपुर क्यों नहीं गए। लेकिन इतिहास में विभिन्न प्रधानमंत्रियों द्वारा पूर्वोत्तर के राज्यों को अशांत और अकेले छोड़े जाने का इतिहास रहा है। पीएम मोदी पहली बार जा रहे हैं। ऐसे में हिंसा की ये घटना सवालों के घेरे में इसलिए है क्योंकि पीएम मोदी के दौरे से पहले इस समय सुरक्षाबलों की तैनाती मणिपुर में इस समय बड़े स्तर पर की गई है। पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, असम राइफल्स सहित सुरक्षाबल तैनात हैं। इतना ही नहीं मणिपुर के पुलिस प्रमुख सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए दिन में शहर में ही मौजूद थे। बताया जा रहा है कि पीएम के दौरे वाले दिन शहर में लगभग 10 हजार जवानों की तैनाती होगी। हालांकि पीएम मोदी के दौरे से पहले विरोधी की ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी चुराचांदपुर शहर में कुछ तनाव देखा गया था। उस समय कुछ संगठनों ने प्रस्ताव दिया था कि उनके सदस्य शोक के प्रतीक के रूप में उस दिन काले कपड़े पहनेंगे, जिस दिन पीएम आने वाले हैं। वहीं कुछ स्टूडेंट ग्रुप्स ने कार्यक्रम स्थल के बाहर खाली ताबूत भी रखे थे। विरोध की सुगबुगाहट के बीच 9 सितंबर को सीआरपीएफ आईजी ने कुछ संगठनों के साथ मीटिंग भी की थी। 

इसे भी पढ़ें: America vs China में कैसे फंसा नेपाल, अब मोदी ही कभी हिंदू राष्ट्र रहे मुल्क की आग बुझाएंगे?

17 संगठन ने पीएम के दौरे का विरोध किया है। गौर करने वाली बात ये है कि बहुत सारे लोगों को लगता है कि मणिपुर में दो समुदायों के बीच ही पूरा विवाद है। लेकिन इसके पीछे की कहानी बहुत अलग है। अचानक इतने दिनों से रहते रहते ये क्यों लड़ने लगे। हकीकत ये है कि ये पूरा झगड़ा तत्कालीन सीएम एन बिरेन सिंह के ड्रग्स के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद हुआ। जितने अफीम की खेती थी उन्हें बर्बाद करना शुरू किया। इस पूरे इलाके में गोल्ड ट्रांजेंट जिसमें मणिपुर के कुछ इलाके, मिजोरम का छोटा सा इलाका और म्यांमार का इलाका जहां दुनिया के सबसे उन्नत किस्म की ड्रग्स पैदा होती है। उसी के खिलाफ अभियान शुरू किया गया। ड्रग्स का सालाना हजारों करोड़ों का व्यापार है। दावा किया जाता है कि उस पूरे कार्टेल का कंट्रोल सोरोस एंड कंपनी का है। सोरोस के हजारों करोड़ के ड्रग्स के व्यापार पर एन बिरेन सिंह के द्वारा था। उसी वक्त ये भावना भड़काने की कोशिश की गई कि ईसाई हिंदुओं के खिलाफ लड़ रहे हैं। 

इसे भी पढ़ें: एक जैसी उम्र, एक जैसी आग, एक जैसी मांग, नेपाल से यूरोप Gen Z आंदोलन का प्रकोप

मैतई, कुकी चिन, नागा, मिजो चार ट्राइब्स हैं। अब पीएम मोदी के मणिपुर दौरे औऱ हजारों करोड़ों की परियोजनाओं के बाद इलाके में विकास होगा। सड़के बनेगी। एयरपोर्ट बनेंगे। रेलवे का नेटवर्क मणिपुर की राजधानी से जुड़ा है। मिजोरम में रेलवे पहुंचा है। ऐसा सबकुछ होने से लोगों की आवाजाही बढ़ेगी। मार्केट बनेगा और लोग आने जाने लगेंगे। ऐसे में अफीम की खेती और ड्रग्स के व्यापार पर असर पड़ेगा। ऐसे में मणिपुर के इलाके को अशांत करने के लिए सारा प्लान रचा जा रहा है। 

प्रमुख खबरें

फ्लाइट रद्द, दिल टूटे..., IndiGo संकट में फंसे नवविवाहित जोड़े ने वीडियो कॉल पर मनाया शादी का रिसेप्शन

India-Russia Business Forum में शामिल हुए Putin-Modi, PM बोले- रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म पर काम जारी

भारतीय वायु सेना की मदद से श्रीलंका में बहाल हो रहा सड़क संपर्क, सागर बंधु के तहत राहत कार्य तेज़

नेशनल कॉन्फ्रेंस की राह मुश्किल? फारूक अब्दुल्ला ने माना, अगले चार साल में करनी है बड़ी तैयारी