Shakuntala Devi Birth Anniversary: गणित की पहेली को सेकेंड्स में हल कर देती थीं शकुंतला देवी, कहा जाता था ह्यूमन कंप्यूटर

By अनन्या मिश्रा | Nov 04, 2025

लाखों लोगों में कोई एक ऐसा होता है, जिसमें अनूठी प्रतिभा होती है। ऐसी ही एक अनूठी प्रतिभा संपन्न शख्सियत शकुंतला देवी थीं। जिनको ह्यूमन कंप्यूटर कहा जाता था। आज ही के दिन यानी की 04 नवंबर को शकुंतला देवी का जन्म हुआ था। शकुंतला देवी गणित की बड़ी से बड़ी पहेली को सेकेंड्स में हल कर देती थीं। शकुंतला देवी ने यह कारनामा उस दौर में करके दिखाया था, जब दुनिया में कंप्यूटर के बारे में कोई नहीं जानता था और न ही इस समय तक कैलकुलेटर तैयार किए गए थे। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर शकुंतला देवी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...


जन्म और परिवार

शकुंतला देवी की 04 नवंबर 1929 को शकुंतला देवी का जन्म हुआ था। वह एक कन्नड़ परिवार से ताल्लुक रखती थीं। शकुंतला देवी स्कूल नहीं गईं, लेकिन वह हिसाब-किताब की इतनी पक्की थीं कि 13 अंक वाले दो नंबरों का गुणनफल महज 28 सेकेंड में बताकर अपना नाम 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में दर्ज करा लिया था। 

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मानव कंप्यूटर की उपाधि मिली

बता दें कि शकुंतला देवी को ह्यूमन कंप्यूटर की उपाधि कभी पसंद नहीं थी। लेकिन यह उपाधि उनको तब मिली, जब शकुंतला देवी बीबीसी चैनल के साथ एक साक्षात्कार में शामिल हुई थीं। 05 अक्तूबर 1950 को यह साक्षात्कार हुआ था और इस दौरान शकुंतला देवी से एक बेहद कठिन सवाल पूछा, जिसका उन्होंने सही जवाब दिया। लेकिन चैनल के पास गलत जवाब था, इसलिए उन्होंने शकुंतला देवी द्वारा दिया गया जवाब गलत घोषित कर दिया गया। हालांकि बाद में जब इसकी जांच की गई, तो शकुंतला देवी द्वारा दिया गया जवाब सही निकला। इसके बाद शकुंतला देवी को ह्यूमन कंप्यूटर की उपाधि मिली और वह घर-घर में फेमस हो गईं।


जब इंदिरा गांधी को दी चुनौती

साल 1980 में शकुंतला देवी ने इंदिरा गांधी के खिलाफ साउथ बॉम्बे और तेलंगाना की मेडकोव्स्की सीट से चुनाव लड़ा था। शकुंतला देवी का मानना था कि इंदिरा मेडक के लोग आमरण अनशन कर रहे हैं, वहीं शकुंतला देवी उनको चुनावी मैदान में धकेल रही हैं। इस चुनाव में शकुंतला देवी 9वें नंबर पर था।


पुरस्कार

साल 1969 में शकुंतला को वुमन ऑफ द ईयर के सम्मान से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा शकुंतला देवी को रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके नाम गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड भी शामिल है।


मृत्यु

वहीं 21 अप्रैल 2013 में शकुंतला देवी ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था।

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