By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 12, 2018
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने नीतीश कुमार गुट की इस अर्जी पर जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव से उनका रुख जानना चाहा कि वह यादव के नया राजनीतिक दल बनाने के अपने दावे के पक्ष में दस्तावेज पेश करना चाहता है। राज्यसभा में जदयू के नेता रामचन्द्र प्रसाद सिंह की ओर से दायर याचिका को न्यायमूर्ति हीमा कोहली और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने 11 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
सिंह ने कहा कि यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल का गठन किया है और उसमें शामिल हुए हैं, इसलिए वह अपने दावे को मजबूती देने के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करना चाहते हैं। अदालत ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि इस अर्जी पर सुनवाई से यादव द्वारा दायर मूल याचिका की सुनवाई में देरी हो सकती है। यादव ने उन्हें राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने को अदालत में चुनौती दी है।
पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सात जून को उच्च न्यायालय को मुख्य मुद्दे की त्वरित सुनवाई का निर्देश दिया था इसलिए वह इस अर्जी पर सुनवाई पूरी करने के बाद उससे संबंधित दलीलों को सुनेगी। अदालत ने मुख्य मुद्दे की सुनवाई की तारीख और समय दोनों निर्धारित कर दी। पीठ ने मुख्य मुद्दे पर सुनवाई के लिए दोनों पक्षों को 11 और 18 सितंबर की दोपहर को अपनी बात रखने कि लिए 45-45 मिनट का समय दिया है। इसके बाद 25 सितंबर को दोनों पक्षों को एक-दूसरे की दलीलों का खण्डन करने के लिए 30 मिनट का समय दिया गया है।
अदालत ने साथ ही स्पष्ट किया कि निर्धारित समय में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। यादव के अलावा उनके सहयोगी और सांसद अली अनवर ने भी उनकी अयोग्यता को चुनौती देते हुए इसी तरह की याचिका दायर की थी। इस पर अदालत ने कहा कि सांसद के रूप में अनवर का कार्यकाल अप्रैल, 2018 में पूरा हो चुका है इसलिए उनकी याचिका औचित्यहीन है । यह कहते हुए उसने इस याचिका का निस्तारण कर दिया।