By रेनू तिवारी | Dec 06, 2025
कांग्रेस ने शुक्रवार को घोषणा की कि पार्टी प्रमुख और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, दोनों में से किसी को भी शुक्रवार को भारत आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में दिए गए स्टेट बैंक्वेट में इनवाइट नहीं किया गया था। पार्टी अधिकारियों के अनुसार, विदेश मामलों पर संसद की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन कांग्रेस सांसद शशि थरूर को डिनर में शामिल होने का इनविटेशन भेजा गया है। मुख्य विपक्षी दल के दावे पर सरकार की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मुख्य विपक्षी पार्टी ने दावा किया कि यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है और याद दिलाया कि राष्ट्रपति भवन के बैंक्वेट में हमेशा विपक्षी नेताओं को इनवाइट किया जाता रहा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या लोकसभा में विपक्ष के नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता को राष्ट्रपति पुतिन के सम्मान में आज रात आयोजित राजकीय भोज के लिए आमंत्रित किया गया है। नहीं, दोनों नेता प्रतिपक्ष को आमंत्रित नहीं किया गया है।’’
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर के इस भोज में शामिल होने के फैसले को लेकर उन पर कटाक्ष किया और कहा कि ‘हम होते तो अंतरात्मा की आवाज’ सुनते।’ उनका यह भी कहना था कि इस निमंत्रण को स्वीकार करने वाले सवालों के घेरे में आते हैं। खेड़ा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष को आमंत्रित नहीं किया गया है। यह हैरानी की बात है, लेकिन इस सरकार में इससे हैरान नहीं होना चाहिए क्योंकि यह सरकार सभी प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए जानी जाती है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं है।
शशि थरूर के इस भोज में शामिल होने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर खेड़ा ने कहा, ‘‘आप उनसे पूछिए। हम होते तो अपनी अंतररात्मा की आवाज जरूर सुनते। जिस तरह से यह आमंत्रण दिया गया है वो सवालों के घेरे में आता है और जो निमंत्रण को स्वीकार कर रहा है वो भी सवाल के घेरे में आता है।’’ इससे पहले, थरूर ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें संसद की विदेश मामलों की समिति के प्रमुख के तौर पर इस भोज के लिए आमंत्रित किया गया है और वह इसमें जाएंगे।
न्यूज़ एजेंसी PTI द्वारा X पर शेयर किए गए एक वीडियो में, थरूर ने कहा, “पता नहीं किस आधार पर इनविटेशन भेजे जाते हैं, लेकिन मैं ज़रूर जाऊंगा। यह सही नहीं है कि विपक्ष के नेताओं को इनवाइट नहीं किया गया।”
एक सीनियर कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार ने केरल चुनाव से पहले जानबूझकर थरूर को इनवाइट किया है।
थरूर ने पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच अच्छे संबंधों की तारीफ की थी।थरूर ने मीडिया से कहा, “डिप्लोमेसी में, सिंबॉलिज़्म और सब्सटेंस दोनों ज़रूरी हैं। सिंबॉलिज़्म हमारी विदेश नीति का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब पीएम एयरपोर्ट जाते हैं, तो वह उन्हें (पुतिन) प्राइवेट डिनर पर ले जाते हैं और उन्हें रूसी भाषा में ट्रांसलेटेड गीता देते हैं; ये सभी महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक इशारे हैं। वे सब्सटेंस का विकल्प नहीं हैं। मुझे कोई शक नहीं है कि यह रूस के साथ एक महत्वपूर्ण रिश्ते की निरंतरता का एक महत्वपूर्ण संकेत है।”
इससे पहले, राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं को पुतिन से मिलने की इजाज़त न देने पर सरकार पर हमला किया था। उन्होंने दावा किया था कि सरकार इनसिक्योर है। गांधी ने आरोप लगाया, “आम तौर पर, परंपरा यह रही है कि जो भी भारत आता है, वह LoP से मिलता था। यह वाजपेयी सरकार और मनमोहन सिंह सरकार के समय होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। जब भी मैं विदेश जाता हूं, तो वे सुझाव देते हैं कि उन लोगों को LoP से नहीं मिलना चाहिए।
लोगों ने हमें बताया कि हमें LoP से न मिलने के लिए कहा गया है। LoP दूसरा नज़रिया पेश करता है; हम भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन सरकार नहीं चाहती कि हम विदेशी मेहमानों से मिलें। PM मोदी और विदेश मंत्रालय अब असुरक्षा के कारण इस परंपरा का पालन नहीं करते हैं।”