By अभिनय आकाश | Sep 03, 2025
चीन में एक ऐसी घटना हुआ है, जिसे न तो पाकिस्तान भूलेगा और न ही चीन और रूस भूलेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चीन के साथ रोमांस करते हुए पहले तो अमेरिका को आई लव यू बोला। उसके बाद पुतिनको समझाने आ गए कि मैं सिर्फ तुमसे ही प्यार करता हूं। पुतिन के सामने बैठते ही शहबाज शरीफ ने पागलपन और बेवकूफी की सारे हदें पार कर दी। ताकतवर और पैसा देने वाले देशों के सामने पाकिस्तान के सभी प्रधानमंत्रियों को हमेशा जमीन पर बैठने की आदत रही है। लेकिन जब उन्हें कुर्सी पर बिठा दिया जाता है तो पाकिस्तान की असली औकात सामने आ जाती है। इस बार भी पाकिस्तान ने चीन में पुतिन के सामने बैठकर कुछ ऐसा कर दिया। नौबत ये आ गई कि पुतिन को शहबाज शरीफ के कान में धीरे से कुछ बोलना पड़ गया। लेकिन इसके बावजूद शहबाज शरीफ ने पुतिन के सामने अजीब अजीब इशारे करते हुए भारत का नाम ले लिया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ चीन में हैं। चीन दौरे के दौरान एक तस्वीर जो शहबाज शरीफ से बर्दाश्त नहीं हुई, वो पुतिन और मोदी को एकसाथ देखने की। एक मंच पर मौजूद रहकर किस तरह से शहबाज शरीफ को पूरे सम्मेलन के दौरान इग्नोर किया गया। ये बात शहबाज शरीफ को चुभ रही है। शहबाज शरीफ से रहा नहीं गया। पुतिन को सामने देखते ही उन्होंने पीएम मोदी और भारत का जिक्र कर दिया। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने का मौका मिला तो आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि शहबाज शरीफ ने क्या कहा। शहबाज शरीफ ने बहुत ही बेशर्मी के साथ भारत का नाम लेकर भारत की दोस्ती का जिक्र करते हुए दुहाइयां देनी शुरू कर दी। शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत के साथ आपकी दोस्ती है ठीक है, लेकिन पाकिस्तान से भी दोस्ती करिए।
बीजिंग में पुतिन के सामने बैठकर शहबाज शरीफ ने ये बयान दिया। मुलाकात के दौरान भारत और रूस संबंधों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मैं जानता हूँ और मुझे कहना भी चाहिए कि हम भारत के साथ आपके संबंधों का सम्मान करते हैं... और यह बिल्कुल ठीक है। और हम बहुत मज़बूत संबंध भी बनाना चाहते हैं... और ये संबंध क्षेत्र की प्रगति और समृद्धि के लिए पूरक और पूरक होंगे। शरीफ ने पुतिन की प्रशंसा करते हुए उन्हें बेहद गतिशील नेता बताया और उनके साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई।
पुतिन को सामने देखते हुए शहबाज शरीफ ने तीन पहले वाली अपनी बेवकूफी को एक बार फिर से दोहरा दिया। वो अपने कान में ईयरफोन तक नहीं लगा पाए। ऐसी ही खुद की फजीहत शहबाज शरीफ ने 2022 में भी की थी। शहबाज शरीफ के हाथों में ईयरफोन ऐसे ही लड़खड़ा रहा था। जैसे पाकिस्तन की इज्जत और अर्थव्यवस्था। पुतिन के लिए यहां हंसी रोकना यूक्रेन युद्ध रोकने से भी ज्यादा मुश्किल हो गया था। पुतिन मुंह नीचे करके मुस्कुराने लगे और आखिरकार शहबाज शरीफ को धीरे से आवाज लगाई। पुतिन शहबाज शरीफ को बताना चाहते थे कि ईयरफोन कैसे लगता है। लेकिन शहबाज शरीफ उनकी तरफ देख ही नहीं रहे थे।