JNU छात्रों के समर्थन में उतरी शिवसेना, लाठीचार्ज को बताया अमानवीय

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 21, 2019

मुंबई। शिवसेना ने छात्रावास शुल्क बढ़ाये जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जेएनयू के दृष्टिहीन छात्रों समेत अन्य छात्रों पर दिल्ली पुलिस के ‘अमानवीय’ लाठीचार्ज को लेकर बृहस्पतिवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी सरकार को इस तरह से आवेश में आकर काम नहीं करना चाहिए। महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिये शिवसेना कांग्रेस और राकांपा के साथ बातचीत कर रही है। उसने कहा कि अगर छात्रों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई कांग्रेस के शासन में हुई होती तो भाजपा ने संसद में हंगामा खड़ा कर दिया होता। पार्टी ने कहा, चूंकि दिल्ली एक केंद्रशासित क्षेत्र है तो कानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी केंद्र की है।

इसे भी पढ़ें: विश्वविद्यालय ने किया क्या, छात्र मांग क्या रहे हैं और बीच का रास्ता क्या निकला? JNU फीस के फसाद का पूरा सच

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि सोमवार को दिल्ली पुलिस ने जिस तरह से दृष्टिहीनों और दिव्यांग छात्रों को कथित रूप से पीटा, उसे देखकर वह चिंतित है। जेएनयू प्रशासन द्वारा छात्रावास शुल्क बढ़ाने के खिलाफ प्रदर्शन मार्च कर रहे छात्रों को संसद की ओर मार्च करने से रोक दिया गया था। छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें लाठियों से पीटा गया जबकि पुलिस ने बलप्रयोग से इनकार किया है।

इसे भी पढ़ें: HRD मंत्रालय की समिति शुक्रवार को करेगी JNU का दौरा

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा, ‘‘दिल्ली में जेएनयू छात्रों पर लाठीचार्ज अमानवीय है...। अगर ऐसी घटना कांग्रेस के शासन के दौरान हुई होती तो संसद में भाजपा ने हंगामा खड़ा कर दिया होता और एबीवीपी जैसे संगठनों ने देशव्यापी बंद का आह्वान कर दिया होता।’’ इसने कहा, ‘‘जिस पुलिस बल ने दृष्टीहीन छात्रों को पीटा वह जनता का सेवक और कानून का रखवाला रक्षक नहीं हो सकता। कम से कम छात्रों को नहीं कुचलते। किसी भी सरकार को इस तरह से आवेश में आकर काम नहीं करना चाहिए।’’ पार्टी ने हालांकि कहा कि छात्रों को भी अनुशासन बनाये रखने की जरूरत है। इसने कहा कि सोमवार को प्रदर्शन के दौरान छात्रों के अवरोधक पार करने की कोशिश का कोई भी समर्थन नहीं करेगा।

इसे भी पढ़ें: ABVP ने JNUSU को दिया समर्थन लिया वापस, दिल्ली पुलिस की भी निंदा की

जेएनयू में छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी को ‘‘बहुत अधिक’’ बताते हुए शिवसेना ने यह जानना चाहा कि छात्रों द्वारा उठायी गयी चिंताओं को दूर करने के लिये सरकार ने क्या किया है। इसने कहा कि संबंधित मंत्री छात्रों के पास जा सकते हैं और उनकी शिकायत सुन सकते हैं। इसने कहा दक्षिणपंथी विचारधारा को मानने वाले लोग जेएनयू पर नक्सलियों का ‘‘गढ़’’ होने और वामपंथी विचारधारा वाले लोगों का पसंदीदा स्थान होने का आरोप लगा रहे हैं। इसने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय ने नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी, कुछ शीर्ष नेता और विशेषज्ञ दिए हैं और किसी ने भी दक्षिणपंथी विचारधारा को नहीं अपनाया।’’

प्रमुख खबरें

CBI ने साइबर अपराध गिरोह मामले में चीन के चार नागरिकों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया

NIA Officer की हत्या के मामले में अदालत का खंडित फैसला

भारत की भावी युद्ध शक्ति ‘JAI’ पर आधारित होगी : General Chauhan

Malappuram में जीत के जश्न के दौरान पटाखे में विस्फोट से यूडीएफ कार्यकर्ता की मौत