By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 18, 2019
नयी दिल्ली। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ग्रामीण परिवारों में निजी खपत सात साल के निम्नतम स्तर पर पहुंचने की खबरों पर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कर्ज अदा नहीं करने वाले अमीरों के रिण को सरकार बट्टे खाते में डाल रही है और बड़े धनवानों के लिए कर कटौती कर रही है लेकिन अर्थव्यवस्था की सुस्ती पर कोई चिंता नहीं दिखा रही। येचुरी ने कहा कि लंबे समय से खेती का संकट है तथा ग्रामीण आय लगभग स्थिर बनी हुई लेकिन मोदी सरकार ‘‘विभाजित करने और ध्रुवीकरण की’’ कोशिश में लगी है।
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उन्होंने कहा कि एक खबर के अनुसार सितंबर को समाप्त हुई तिमाही में ग्रामीण भारत में मूल्य के मामले में पांच प्रतिशत की दर से विकास हुआ। यह पिछले साल की दर से 20 प्रतिशत से अधिक कम है। शहरी भारत में आठ प्रतिशत की दर से विकास हुआ जो पिछले साल इस अवधि में 14 प्रतिशत रहा था।
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येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्र सरकार बहुत गंभीर समस्या की ओर बढ़ती आर्थिक सुस्ती को लेकर कोई चिंता नहीं दिखा रही। मोदी सरकार केवल अति धनवानों के कर कम करने और अमीर कर्जदारों के गैर-भुगतान वाले रिणों को बट्टे खाते में डालने को लेकर उत्साहित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसानों, भूमिहीन मजदूरों, शहरों में काम रहे कामगारों, युवाओं, नौकरी खोज रहीं महिलाओं, ऑटो, कपड़ा तथा अन्य क्षेत्रों से निकाले गये लाखों कर्मचारियों, छोटे उद्यमियों और ऐसी ही लंबी सूची है। ऐसे सभी वर्गों पर मोदी सरकार की नीतियों ने आघात किया है।’’