By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 14, 2023
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एक मजबूत, कोटा-आधारित और पर्याप्त रूप से संसाधन युक्त आईएमएफ की वकालत की। उन्होंने कहा कि वैश्विक वित्तीय सुरक्षा तंत्र और जलवायु कार्रवाई के मद्देनजर यह सुनिश्चित करना जरूरी है। कोटा की 16वीं सामान्य समीक्षा (जीआरक्यू) से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को अधिक हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद है। आईएमएफ के प्रस्ताव के अनुसार 16वीं जीआरक्यू 15 दिसंबर, 2023 तक पूरी होनी चाहिए। कोटा हिस्सेदारी में किसी भी समायोजन के चलते उभरते देशों के वोटिंग अधिकारों में वृद्धि होने की उम्मीद है। मोरक्को के मराकेश में नीतिगत चुनौतियों पर संवाद विषय पर आईएमएफ संचालक मंडल की बैठक में सीतारमण ने वैश्विक वृद्धि में मंदी के संबंध में चिंता जताई।
उन्होंने हालांकि कहा कि भारत 2023-24 की पहली तिमाही के दौरान 7.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। उन्होंने बढ़ती वैश्विक ऋण कमजोरियों के संबंध में वैश्विक संप्रभु ऋण गोलमेज सम्मेलन के महत्व पर जोर दिया। वित्त मंत्रालय ने कहा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैश्विक वित्तीय सुरक्षा तंत्र के केंद्र में एक मजबूत, कोटा-आधारित और पर्याप्त रूप से संसाधन युक्त आईएमएफ के लिए प्रतिबद्धता दोहराई, जिसके केंद्र में वैश्विक वित्तीय सुरक्षा तंत्र और जलवायु कार्रवाई हों। मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक समुदाय की समन्वित प्रतिक्रिया वसुधैव कुटुंबकम - एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य - की भावना को बढ़ावा देगी।
वित्त मंत्री ने इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा और वित्तीय समिति (आईएमएफसी) की पूर्ण बैठक में कोटा सुधारों के महत्व को दोहराया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आईएमएफ के पास पर्याप्त संसाधन हों, उसकी ऋण देने की क्षमता बढ़े और सदस्य देशों को जरूरत के मुताबिक मदद मिले।सीतारमण ने अपने हस्तक्षेप में साझा समस्याओं पर सामूहिक कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सदस्यों को उचित सलाह देने के लिए आईएमएफ की द्विपक्षीय निगरानी और क्षमता विकास महत्वपूर्ण है।