विकासशील देशों में कर्ज को लेकर स्थिति हो रही नाजुक, बहुपक्षीय समन्वय की जरूरत: Sitharaman

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 25, 2023

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कई विकासशील देशों की कर्ज को लेकर नाजुक होती स्थिति का विषय उठाया और इस भार से निपटने के लिए ‘बहुपक्षीय समन्वय’ के बारे में जी-20 के सदस्य देशों से विचार आमंत्रित किए। जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सीतारमण ने इस विषय पर भी विचारों को आमंत्रित किया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसे बहुपक्षीय विकास बैंकों को किस तरह मजबूत किया जा सकता है जिससे वे 21वीं सदी की साझा वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सके, साथ ही सतत विकास लक्ष्यों और गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित रख सकें।

जी-20 एफएमसीबीजी बैठक के पहले सत्र में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचे, सतत वित्त और अवसंरचना पर बात हुई। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘वित्त मंत्री ने अनेक संवेदनशील देशों में कर्ज को लेकर बढ़ते अस्थिरता के हालात का जिक्र किया और बहुपक्षीय सहयोग पर जी-20 के सदस्य देशों से विचार मांगे। उन्होंने कहा कि वैश्विक कर्ज अस्थिरता का प्रबंधन करना विश्व अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी होगा।’’

गौरतलब है कि विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास ने पिछले वर्ष दिसंबर में कहा था कि दुनिया के सबसे गरीब देशों पर सालाना 62 अरब डॉलर का कर्ज है जो 2021 के 46 अरब डॉलर की तुलना में 35 फीसदी बढ़ गया है और इसके साथ ही चूक का जोखिम भी बढ़ गया है। ऐसी आशंका है कि कर्ज को लेकर विकासशील देशों की जो नाजुक स्थिति है यदि उस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह वैश्विक मंदी का कारण बन सकती है और लाखों लोगों को भीषण गरीबी में धकेल सकती है।

प्रमुख खबरें

Election Commission ने AAP को चुनाव प्रचार गीत को संशोधित करने को कहा, पार्टी का पलटवार

Jammu Kashmir : अनंतनाग लोकसभा सीट के एनपीपी प्रत्याशी ने अपने प्रचार के लिए पिता से लिये पैसे

Mumbai में बाल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, चिकित्सक समेत सात आरोपी गिरफ्तार

‘आउटर मणिपुर’ के छह मतदान केंद्रों पर 30 अप्रैल को होगा पुनर्मतदान