By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 18, 2019
नयी दिल्ली। लोकसभा में चिट फंड घोटाले को लेकर सोमवार को पश्चिम बंगाल के भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के बीच परस्पर तीखी बहस को शांत कराने के लिए स्पीकर ओम बिरला को हस्तक्षेप करते हुए यह कहना पड़ गया,‘लोकसभा को (पश्चिम) बंगाल विधानसभा नहीं बनाइए।’
दोनों दलों के सदस्यों के बीच यह बहस सदन में ‘चिट फंड संशोधन विधेयक, 2019’ पर चर्चा के दौरान हुई। चर्चा के दौरान भाजपा की लॉकेट चटर्जी ने बंगाल में कथित चिटफंड घोटाले को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा, जिस पर तृणमूल सदस्यों से उनकी नोकझोंक हुई। कल्याण बनर्जी सहित तृणमूल के कई सदस्यों ने चटर्जी की बात का लगातार विरोध किया और इस मुद्दे पर टीका-टिप्पणी जारी रखी। इसी बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘लोकसभा को बंगाल विधानसभा नहीं बनाइए। जो विधेयक (सदन में) है, उस पर चर्चा करें। विधेयक से बाहर चर्चा नहीं करें।’’
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चर्चा के दौरान चटर्जी ने कहा कि बंगाल में जिन चिटफंड कंपनियों ने लोगों से धोखाधड़ी की है उसके मालिकों की संपत्ति जब्त की जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में चिटफंड एक परिवार की कंपनी है। उन्होंने दावा किया, ‘‘पूरी तृणमूल कांग्रेस इसमें (चिटफंड घोटाले में) शामिल है। प्रधानमंत्री को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।’