By अनन्या मिश्रा | Nov 17, 2025
हिंदू धर्म में हर एक वस्तु का विशेष महत्व माना गया है। खासकर जब वह वस्तु भोजन से जुड़ी हो। इन्हीं में से एक चीज नमक है। नमक को सिर्फ स्वाद का साधन नहीं बल्कि जीवन में संतुलन बनाए रखने का भी तत्व माना जाता है। नमक खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ पॉजिटिविटी और संतुलन का भी प्रतीक माना जाता है। वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में नमक को ऊर्जा से जुड़ा तत्व माना गया है। जोकि घर और जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक नमक को सही जगह और सही दिशा में रखना बेहद जरूरी होती है, जिससे आसपास की ऊर्जा संतुलित रहे। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि नमक को कैसे और किस दिशा में रखना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र में नमक का संबंध शनि और चंद्र ग्रह से माना जाता है। नमक को अगर सही तरीके से रखा जाए, तो घर में शुभ ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। वास्तु एक्सपर्ट की मानें, तो हमेशा नमक को चीनी मिट्टी, कांच या फिर स्टील के ढक्कन वाले डिब्बे में रखना चाहिए। इस तरह से नमक रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है और आर्थिक तंगी दूर होती है। वहीं अगर नमक को लोहे या फिर एल्युमिनियम के बर्तन में रखा जाए, तो यह अशुभ प्रभाव डाल सकता है। इस तरह से नमक रखने से विवाद, तनाव और धन हानि जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक रसोई में नमक रखने की दिशा काफी अहम मानी जाती है। विशेषज्ञों की मानें तो नमक को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना शुभ होता है और इस स्थान पर नमक रखने से परिवार के सदस्यों की सेहत अच्छी बनी रहती है। साथ ही रोगों से भी छुटकारा मिलता है।
माना जाता है कि अगर नमक को खुले बर्तन में रखा जाए, तो यह निगेटिव एनर्जी को आकर्षित करता है। ऐसे नमक रखने से परिवार में कलह, आर्थिक संकट और मनमुटाव देखने को मिलता है। इसलिए हमेशा नमक को ढक्कन वाले साफ-सुथरे बर्तन में रखना चाहिए। शास्त्रों में नमक को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, इसको सही से रखने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
नमक न सिर्फ भोजन में स्वाद बढ़ाने वाला तत्व नहीं है, बल्कि यह जीवन की दशा और दिशा को भी प्रभावित करने की शक्ति रखता है। इसको सही पात्र में सही स्थान पर रखा जाए, तो घर में सुख-शांति, समृद्धि और सौहार्द बना रहता है। वहीं लापरवाही और गलत दिशा में रखा गया नमक जीवन में निगेटिव परिस्थितियां उत्पन्न कर सकता है।