By Kusum | Jan 04, 2025
एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक अब भारत में लॉन्च की तैयारी कर रही है। लेकिन उससे पहले सरकार के एक सवाल ने सारा मामला रोक रखा है। दरअसल, कुछ दिनों पहले अंडमान और निकोबार में छापेमारी के दौरान तस्करों से स्टारलिंक डिवाइस बरामद हुए थे और सरकार ये जानना चाहती है कि इस डिवाइस को भारत में किसने खरीदा था। लेकिन एलन मस्क की कंपनी अपने ग्राहकों की निजता का हवाला देकर इस सवाल का जवाब देने से बच रही है। इसे लेकर स्टारलिंक लॉन्च होने से पहले ही मुश्किल में फंस गई है। जबतक एलन मस्क की कंपनी ट्राई और सरकार को इस सवाल का जवाब नहीं दे देती है, तब तक सरकार की ओर से मंजूरी मिलना संभव नहीं है।
इस स्थिति ने सरकार के भीतर, खास तौर पर गृह मंत्रालय और दूरसंचार विभाग में चिंता बढ़ा दी है। उन्हें चिंता है कि इन कारणों का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो गृह मंत्रालय ने दूरसंचार विभाग को मामले की जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि, अधिकारियों ने अंडमान और निकोबार द्वीर समहू में ड्रग के भंडाफोड़ के लिए रेड मारी थी और इसके दौरान अधिकारियों को उनके पास स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट डिवाइस में से एक मिला था। तस्कर इस डिवाइस का इस्तेमाल नेविगेट करने में मदद के लिए कर रहे थे। जब सरकार ने स्टारलिंक से इस डिवाइस को मूल रूप से किसने खरीदा, इस बारे में जानकारी मांगी, तो कंपनी ये कहते हुए इनकार कर दिया कि उन्हें ग्राहकों की गोपनीयता की रक्षा करनी है।