देश के संघीय ढांचे को बचाने के लिए राज्यों को लड़नी होगी सामूहिक लड़ाई: भूपेश बघेल

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 27, 2020

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि देश के ‘संघीय ढांचे को बचाने’ के लिए राज्यों को सामूहिक लड़ाई लड़नी होगी। बघेल ने बुधवार को देश के सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के ‘संघीय ढांचे को बचाए’ रखने के लिए हम सबको सामूहिक लड़ाई लड़नी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में प्रजातांत्रिक मूल्यों को लेकर सभी चिंता कर रहे हैं। कई राज्य के मुख्यमंत्रियों ने अपनी चिंता जताई है। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बधाई देते हुए कहा कि प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए उन्होंने एक महीने तक लड़ाई लड़ी और इसमें कामयाब भी हुए। अवैधानिक कृत्य में जुटे लोगों को पटखनी भी दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्व और कर्नाटक में प्रजातांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाने में यह शक्तियां सफल रही, लेकिन राजस्थान में परास्त हुयी। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में बैंकों को आम जनता के लिए खोला गया था लेकिन अब बैंक बंद हो रहे हैं। बैंक बड़े लोगों के लिए रह जाएंगे। आर्थिक मुद्दों से ध्यान हटाने की पुरजोर कोशिश भारत सरकार कर रही है। बघेल ने दावा किया कि पूरे भारत में निजीकरण चल रहा है। जितने भी सार्वजनिक उपक्रम है, उनको भारत सरकार एक-एक कर बेच रही है। हमें इसके खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। बघेल ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि जहां तक जीएसटी का मामला है, हम उत्पादक राज्य हैं। उत्पादक राज्यों को 2022 तक जीएसटी का मुआवजा देने की बात थी। पिछले चार महीने से किसी भी राज्य को मुआवजा नहीं दिया गया है, जबकि आवश्यकता एवं परिस्थिति को देखते हुए इसे 2027 तक बढ़ाया जाना चाहिए। 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को जीएसटी मुआवजा के तहत 2828 करोड़ मिलना चाहिए था जो नहीं मिला है। इस कारण स्थिति दिनोदिन खराब होती जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार जीएसटी की राशि राज्यों को नहीं दे सकती है तब उत्पादन पर कर लगाने का अधिकार राज्यों को दिया जाना चाहिए। बघेल ने कहा कि उद्योगों की स्थापना को लेकर पर्यावरण नीति बहुत भयावह है। उद्योग लग जाएं, उसके बाद वह सारे नियम कानून का पालन करेंगे, यह स्थिति ठीक नहीं है। उद्योगों की स्थापना के संबंध में जो नया कानून बना है, वह बिल्कुल गलत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की नयी शिक्षा नीति से वह सहमत नहीं है। इसके लिए राष्ट्रपति के पास जाना पड़े, प्रधानमंत्री के पास जाना पड़े, अदालत जाना पड़े, हमें जाना चाहिए। नयी शिक्षा नीति राज्यों के लिए बहुत घातक है। मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में केन्द्र सरकार पर आयकर विभाग, सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय जैसी संस्थाओं के दुरूपयोग का भी आरोप लगाया।

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